न्यायालय ने झूठी शान के लिए हत्या करने के आरोपी को अदालत से मिली जमानत रद्द की

By भाषा | Updated: July 12, 2021 20:30 IST2021-07-12T20:30:15+5:302021-07-12T20:30:15+5:30

Court canceled the bail granted to the accused of murder for false prestige | न्यायालय ने झूठी शान के लिए हत्या करने के आरोपी को अदालत से मिली जमानत रद्द की

न्यायालय ने झूठी शान के लिए हत्या करने के आरोपी को अदालत से मिली जमानत रद्द की

नयी दिल्ली, 12 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने झूठी शान की खातिर हत्या के मामले में एक आरोपी को राजस्थान उच्च न्यायालय से दी गई जमानत रद्द कर दी। मामला 2017 का है जिसमें केरल के एक युवक की कथित तौर पर अन्य जाति की राजस्थानी युवती से विवाह करने पर उसके ससुराल वालों के इशारे पर हत्या कर दी गई थी।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने मृतक अमित नायर के साले और आरोपी मुकेश चौधरी को मिली जमानत को ‘‘बरकरार न रखने योग्य’’ करार देते हुए चौधरी को निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने को कहा, जिसे एक साल के अंदर सुनवाई पूरी करनी होगी।

पीठ ने कहा, “अपराध की प्रकृति पर विचार करते हुए, यह उचित होगा कि मुकदमे की सुनवाई जल्द से जल्द पूरी की जाए। सुनवाई अदालत मुकदमे को समाप्त करने और यथाशीघ्र मामले को निस्तारित करने के लिये हरसंभव प्रयास करेगी लेकिन किसी भी सूरत में यह इस आदेश की प्रति प्राप्त होने के एक साल के बाद नहीं होना चाहिए।” पीठ में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय भी शामिल थे।

प्रधान न्यायाधीश ने मृतक के साले की जमानत रद्द करते हुए शीर्ष अदालत के एक पूर्व आदेश का हवाला दिया और कहा, “इस न्यायालय द्वारा पहले ही संज्ञान में लिये गए दस्तावेज इंगित करते हैं कि प्रतिवादी संख्या-2 (मुकेश चौधरी) के खिलाफ प्रथम दृष्टया सामग्री है।”

शीर्ष अदालत ने आरोपी की उस दलील को खारिज कर दिया कि प्रमुख गवाह, नायर की पत्नी, से जिरह, सुनवाई के दौरान हो चुकी है इसलिये उसे जमानत दी जा सकती है।

न्यायालय ने कहा कि पीड़ित की विधवा का बयान पूरी तरह से साक्ष्य नहीं है। न्यायालय ने कहा, “हमारी यह सुविचारित राय है कि यहां आक्षेपित राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ का एक दिसंबर 2020 का आदेश, कायम रखने योग्य नहीं है। इसलिये उसे दरकिनार किया जाता है और प्रतिवादी संख्या 2 को दी गई जमानत रद्द की जाती है। हम इसलिये प्रतिवादी संख्या दो मुकेश चौधरी को अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश देते हैं…।”

शीर्ष अदालत ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि उसने मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं की है और निचली अदालत को उसके द्वारा व्यक्त राय से किसी भी तरह प्रभावित हुए बिना मामले को देखना चाहिए।

न्यायालय ने कहा कि 47 में से 21 गवाहों से अबतक पूछताछ हो चुकी है और निर्देश दिया की सुनवाई एक साल में पूरी की जाए।

न्यायालय ने मुकेश की जमानत रद्द करने का आदेश उसकी बहन ममता नायर की याचिका पर दिया है। ममता ने अपने माता-पिता की मर्जी के खिलाफ अगस्त 2015 में अमित से विवाह किया था। अमित जयपुर की रहने वाली ममता के भाई मुकेश का मित्र था।

दो साल बाद, मई 2017 में ममता के माता-पिता जीवनराम चौधरी और भगवानी देवी ने अपने दामाद अमित नायर की कथित तौर पर जयपुर में हत्या करने की साजिश रची। पुलिस ने बताया कि ममता के माता-पिता एक अज्ञात व्यक्ति के साथ उसके घर में घुस आए और उस व्यक्ति ने अमित को गोली मारी। उनका एक अन्य साथी बाहर खड़ी कार में उनका इंतजार कर रहा था।

अमित की मां रमा देवी ने जयपुर में 17 मई 2017 को हत्या, आपराधिक साजिश रचने समेत भारतीय दंड संहिता की अन्य संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करवाई थी।

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Web Title: Court canceled the bail granted to the accused of murder for false prestige

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