न्यायालय ने रेलवे से पुनर्वास नीति पर विरोधाभासी रुख पर स्पष्टीकरण को कहा

By भाषा | Updated: November 22, 2021 20:57 IST2021-11-22T20:57:29+5:302021-11-22T20:57:29+5:30

Court asks Railways to clarify on contradictory stand on rehabilitation policy | न्यायालय ने रेलवे से पुनर्वास नीति पर विरोधाभासी रुख पर स्पष्टीकरण को कहा

न्यायालय ने रेलवे से पुनर्वास नीति पर विरोधाभासी रुख पर स्पष्टीकरण को कहा

नयी दिल्ली, 22 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को रेल मंत्रालय को निर्देश दिया कि रेलवे के स्वामित्व वाली जमीन पर रहने वाले झुग्गी वासियों के लिए पुनर्वास नीति के संबंध में शीर्ष अदालत समेत विभिन्न मंचों पर उसके ‘विरोधाभासी रुख’ पर स्पष्टीकरण दे।

गुजरात में एक रेल लाइन परियोजना के लिए करीब 5,000 झुग्गियों को गिराने से संबंधित एक याचिका समेत दो अलग-अलग अर्जियों पर सुनवाई कर रही शीर्ष अदालत ने रेल मंत्रालय के सचिव से एक सप्ताह के अंदर हलफनामे में इस बारे में स्पष्टीकरण देने को कहा।

गुजरात के मामले में शीर्ष अदालत उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें कहा गया है कि अगर रेलवे की जमीन पर रहने वाले झुग्गी वासियों के रहने के लिए वैकल्पिक बंदोबस्त नहीं किया गया और उनका पुनर्वास नहीं किया गया तो उन्हें ‘अपूरणीय क्षति’ होगी।

याचिकाकर्ता ने कहा था कि गुजरात उच्च न्यायालय ने उसके 23 जुलाई, 2014 के यथास्थिति के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया था और पश्चिमी रेलवे को सूरत-उधना से जलगांव तक तीसरी रेल लाइन परियोजना पर आगे काम करने की अनुमति दी थी।

शीर्ष अदालत ने पहले गुजरात में इन झुग्गियों को गिराने पर यथास्थिति बनाकर रखने का आदेश दिया था।

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने सोमवार को कहा कि उसके संज्ञान में लाया गया है कि पहले दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष अलग सुनवाइयों में रेलवे ने आश्वासन दिया था कि वे दिल्ली सरकार द्वारा निर्धारित पुनर्वास नीति को अपनाएंगे।

पीठ ने कहा कि रेलवे ने शीर्ष अदालत के समक्ष आश्वासन दिये थे कि पुनर्वास को देखते हुए जरूरी योजनाएं बनाई जाएंगी। पीठ पिछले साल सितंबर में एक अन्य मामले में सुनवाई कर रही थी।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हम रेल मंत्रालय के सचिव से रेल मंत्रालय की ओर से उच्चतम न्यायालय समेत विभिन्न मंचों पर रखे गये विरोधाभासी रुख पर स्पष्टीकरण देने को कहते हैं।’’

सुनवाई के दौरान पीठ ने रेलवे का पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल (एएसजे) के एम नटराज से पूछा कि वे विभिन्न अदालतों में इतने अलग रुख क्यों अपना रहे हैं।

न्यायालय ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर हलफनामा दाखिल किया जाएगा। पीठ ने अगली सुनवाई के लिए 29 नवंबर की तारीख मुकर्रर की।

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Web Title: Court asks Railways to clarify on contradictory stand on rehabilitation policy

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