अदालत ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना में जल क्षेत्र को शामिल नहीं करने पर केंद्र का रुख पूछा

By भाषा | Updated: July 16, 2021 21:50 IST2021-07-16T21:50:49+5:302021-07-16T21:50:49+5:30

Court asks Centre's stand on non-inclusion of water sector in emergency credit line guarantee scheme | अदालत ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना में जल क्षेत्र को शामिल नहीं करने पर केंद्र का रुख पूछा

अदालत ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना में जल क्षेत्र को शामिल नहीं करने पर केंद्र का रुख पूछा

नयी दिल्ली, 16 जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत पेयजल और अपशिष्ट जल प्रबंधन क्षेत्रों को शामिल करने का आग्रह करने वाली याचिका पर केंद्र सरकार से उसका रुख पूछा है।

न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने केंद्र के वकील से कहा कि वह सुनवाई की अगली तारीख, 29 जुलाई पर निर्देश लेकर आएं और अदालत की मदद करें।

न्यायाधीश ने 12 जुलाई के अपने आदेश कहा, ‘‘ याचिका और इस आदेश की प्रति भारत सरकार के स्थायी अधिवक्ता कीर्तिमान सिंह को दी जाए, जिनसे अनुरोध किया जाता है कि वह निर्देश लें और सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत की सहायता करें।”

‘वाटर एलायंस इंडिया’ और नांगलोई वाटर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने यह दावा करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया कि जल क्षेत्र सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) का हिस्सा है और ईसीएलजीएस के तहत लाभ प्राप्त करने से रोकना संविधान के अनुच्छेद 19 और अनुच्छेद 14 के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

याचिका में कहा गया है कि उन्हें ईसीएलजीएस का लाभ नहीं दिए जाने से पेयजल और अपशिष्ट जल प्रबंधन क्षेत्रों का संचालन बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जिससे इसके कर्मचारियों के साथ-साथ जनता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

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Web Title: Court asks Centre's stand on non-inclusion of water sector in emergency credit line guarantee scheme

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