पिछड़े वर्गों के लिए 2021 की जातिवार जनगणना कराने के वास्ते याचिका पर सुनवाई को न्यायालय सहमत

By भाषा | Updated: February 26, 2021 19:35 IST2021-02-26T19:35:53+5:302021-02-26T19:35:53+5:30

Court agrees to hear plea for conducting caste-wise census of 2021 for backward classes | पिछड़े वर्गों के लिए 2021 की जातिवार जनगणना कराने के वास्ते याचिका पर सुनवाई को न्यायालय सहमत

पिछड़े वर्गों के लिए 2021 की जातिवार जनगणना कराने के वास्ते याचिका पर सुनवाई को न्यायालय सहमत

नयी दिल्ली, 26 फरवरी उच्चतम न्यायालय बजटीय संसाधनों के बेहतर आवंटन और किसी जाति से ‘क्रीमी लेयर’ एवं ‘गैर-पिछड़े वर्ग’ के लोगों को बाहर करने के लिए 2021 की जातिवार जनगणना कराने को लेकर केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिका की सुनवाई करने को सहमत हो गया है।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना तथा न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने याचिका पर केंद्र एवं राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) को नोटिस जारी करते हुए इस विषय को अन्य लंबित विषयों के साथ संलग्न कर दिया है।

अधिवक्ता जी एस मणि ने तेलंगाना के सामाजिक कार्यकर्ता एवं याचिकाकर्ता जी मल्लेश यादव की ओर से न्यायालय में पेश होते हुए कहा कि सरकारें जातिवार सर्वेक्षण के अभाव में पिछड़े वर्गों में प्रत्येक जाति को बजट का आवंटन करने में काफी परेशानी का सामना कर रही हैं।

याचिका में कहा गया है कि 1979-80 में गठित मंडल आयोग की शुरूआती सूची में पिछड़ी जातियों और समुदायों की संख्या 3,743 थी।

याचिका में कहा गया है, ‘‘एनसीबीसी के मुताबिक अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की केंद्रीय सूची में पिछड़ी जातियों की संख्या अब बढ़ कर 2016 में 5,013 हो गई, लेकिन सरकारों ने जातिवार कोई सर्वेक्षण नहीं किया।’’

इसमें कहा गया है कि प्रावधानों के मुताबिक आरक्षण किसी विशेष जाति के पिछड़े वर्ग के लोगों को दिया जा सकता है, लेकिन उसमें से ‘क्रीमी लेयर’ (मलाईदार तबका) और ‘गैर-पिछड़े लोगों’ को बाहर करना होगा।

याचिका में कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकारें पिछड़े वर्गों की जातिवार जनगणना के अभाव में ग्राम पंचायतों, नगर निकायों और जिला परिषदों में सीटों के आवंटन के सिलसले में फैसले लेने में वैधानिक एवं कानूनी अड़चनों का सामना कर रही हैं।

याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार की योजना 2021 में जनगणना कराने की है और वर्तमान में एक दस्तावेज (परफॉर्मा) जारी किया गया है जिसमें अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति और हिंदू, मुस्लिम, ईसाई आदि धर्म के ब्योरे से जुड़े 32 ‘कॉलम’ हैं।

याचिका में कहा गया है कि दस्तावेज में अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय के ब्योरे के लिए कॉलम नहीं शामिल किया गया है।

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Web Title: Court agrees to hear plea for conducting caste-wise census of 2021 for backward classes

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