न्यायालय ने चुनाव के बाद हिंसा मामलों की सीबीआई जांच के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुकदमे पर सुनवाई स्थगित की

By भाषा | Updated: October 22, 2021 13:25 IST2021-10-22T13:25:41+5:302021-10-22T13:25:41+5:30

Court adjourns hearing on West Bengal's trial against CBI probe into post-poll violence cases | न्यायालय ने चुनाव के बाद हिंसा मामलों की सीबीआई जांच के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुकदमे पर सुनवाई स्थगित की

न्यायालय ने चुनाव के बाद हिंसा मामलों की सीबीआई जांच के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुकदमे पर सुनवाई स्थगित की

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव के बाद हुयी हिंसा के मामलों की सीबीआई जांच के खिलाफ राज्य सरकार के वाद पर शुक्रवार को सुनवाई 16 नवंबर के लिए स्थगित कर दी। राज्य सरकार का आरोप है कि सीबीआई राज्य की पूर्व अनुमति लिए बगैर ही यह जांच कर रही है जबकि कानून के तहत अनुमति लेना अनिवार्य है।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने कहा कि केंद्र ने राज्य के मुकदमे के जवाब में हलफनामा दाखिल किया है और वह मामले पर नियमित सुनवाई के दिन विचार करेगी।

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ से अनुरोध किया कि इसके लिए कोई तारीख निर्धारित कर दी जाये क्योंकि सीबीआई प्राथमिकियों को लेकर आगे बढ़ रही है।

पीठ ने कहा, ‘‘हम 16 नवंबर को इस पर सुनवाई करेंगे। यदि कोई प्रत्युत्तर या अतिरिक्त दस्तावेज हैं, तो पक्षकार उन्हें दाखिल कर सकते हैं।’’

पश्चिम बंगाल सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत दायर अपने मूल दीवानी मुकदमे में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 के प्रावधानों का हवाला दिया है। राज्य सरकार का तर्क है कि सीबीआई राज्य सरकार से अनुमति लिए बिना जांच कर रही है और प्राथमिकी दर्ज कर रही है, जबकि कानून के तहत ऐसा करने के लिए राज्य की पूर्व में अनुमति लेना अनिवार्य है। अनुच्छेद 131 के तहत केंद्र और राज्यों के बीच विवादों का निपटारा करने का अधिकार उच्चतम न्यायालय के पास है।

सीबीआई ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों में हाल में कई प्राथमिकी दर्ज की हैं। राज्य सरकार ने चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों में कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकियों की जांच पर रोक लगाने का अनुरोध किया है।

याचिका में कहा गया है कि राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने केन्द्रीय एजेंसी को जांच के लिये दी गयी सामान्य संतुति पहले ही वापस ले ली है, इसलिए दर्ज प्राथमिकियों पर जांच नहीं की जा सकती।

वकील सुहान मुखर्जी के जरिए दायर वाद में भविष्य में इस तरह की हर प्राथमिकी पर रोक लगाए जाने का भी अनुरोध किया गया है।

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Web Title: Court adjourns hearing on West Bengal's trial against CBI probe into post-poll violence cases

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