न्यायालय ने 40 साल पुराने मिलावटी दूध बेचने के मामले में दूधिया को बरी किया

By भाषा | Updated: August 1, 2019 04:18 IST2019-08-01T04:18:16+5:302019-08-01T04:18:16+5:30

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जब आरोपी को दंडात्मक परिणामों का सामना करना होता है तो कानूनी प्रावधानों की कड़ाई से व्याख्या की जाती है।

Court acquits milch in 40 -year-old adulterated adulterated milk | न्यायालय ने 40 साल पुराने मिलावटी दूध बेचने के मामले में दूधिया को बरी किया

न्यायालय ने 40 साल पुराने मिलावटी दूध बेचने के मामले में दूधिया को बरी किया

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को एक दूधिया को 40 साल पुराने एक मामले में बरी कर दिया। साल 1979 के दूध में मिलावट के मामले में दूधिया को छह महीने की जेल तथा एक हजार रुपये जुर्माने की सजा दी गई थी लेकिन उसे बुधवार को शीर्ष अदालत से राहत मिल गई। न्यायालय ने कहा कि जब आरोपी को दंडात्मक परिणामों का सामना करना होता है तो कानूनी प्रावधानों की कड़ाई से व्याख्या की जाती है।

न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि दूधिये पर लोक विश्लेषक की रिपोर्ट समय पर देने पर विवाद है जिससे उसे कलकत्ता की केन्द्रीय खाद्य प्रयोगशाला के पास जाने का मौका मिलता। पीठ ने कहा कि इस मामले के तथ्यों और परिस्थितियों में, विश्लेषक की रिपोर्ट अपीलकर्ता को नहीं दी गई और इसे केवल अभियोजन गवाह के बयान के तौर पर भेजना पर्याप्त नहीं है।

शीर्ष अदालत ने मजिस्ट्रेट अदालत के दो जून 1987 के फैसले को निरस्त कर दिया। इस फैसले में गाजियाबाद के निवासी विजेंद्र को संबंधित कानून के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराते हुए छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी और एक हजार रुपये का जुर्माना हुआ था। विजेंद्र इस दौरान जमानत पर जेल से बाहर था। 

Web Title: Court acquits milch in 40 -year-old adulterated adulterated milk

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