कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर मध्यप्रदेश स्थित इंदौर में लागू कर्फ्यू के दौरान ड्यूटी पर तैनात करीब 3,000 पुलिस कर्मियों को सलाह दी गयी है कि वे इसका संक्रमण रोकने की सावधानी के तौर पर कुछ समय के लिये अपने परिवार से दूरी बनायें। इन पुलिस कमियों के लिये उनके विभाग की ओर से अस्थायी आवास का इंतजाम भी किया जा रहा है।
पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) विवेक शर्मा के कार्यालय की ओर से शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति में कहा गया, "मौजूदा समय में अपने विभिन्न कर्तव्यों के निर्वहन और प्रशासन के जारी प्रतिबंधात्मक आदेशों का पालन सुनिश्चित कराने के दौरान पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका काफी अधिक है।"
विज्ञप्ति में कहा गया है कि अगर पुलिस विभाग का कोई कारिंदा कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद सीधे अपने घर पहुंचता है, तो उसके परिजन भी इस महामारी की चपेट में आ सकते हैं। इसके मद्देनजर पुलिस कर्मियों को सलाह दी जाती है कि वे अगले कुछ दिनों तक ड्यूटी के बाद सीधे घर न जायें और निर्धारित स्थानों पर ही रहकर पर्याप्त सामाजिक दूरी बनायें।
पुलिस ने कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर अपने कारिंदों के परिजनों की समस्याओं के निवारण के लिये विशेष दल भी गठित कया है। इस दल के प्रमुख अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) गुरुप्रसाद पाराशर ने बताया, "फिलहाल शहर के अलग-अलग स्थानों पर पुलिस के करीब 3,000 अधिकारी-कर्मचारी तैनात हैं। हम इनके लिये अस्थायी आवास के हरसंभव इंतजाम करने के प्रयास कर रहे हैं ताकि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बड़े खतरे से निपटा जा सके।"
इंदौर में कोरोना वायरस के मरीज सामने आने के बाद प्रशासन ने बुधवार से शहरी सीमा में लॉकडाउन की जगह कर्फ्यू लागू कर दिया था। बृहस्पतिवार रात जारी सरकारी बुलेटिन के मुताबिक शहर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती 15 मरीजों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें शामिल इंदौर के 65 वर्षीय पुरुष और उज्जैन की 65 वर्षीय महिला की मौत हो चुकी है।