Coronavirus: वैज्ञानिक बोले- एंटीबॉडी की मौजूदगी सार्स-सीओवी-2 वायरस से सुरक्षा की गारंटी नहीं

By भाषा | Updated: September 7, 2020 20:43 IST2020-09-07T20:43:31+5:302020-09-07T20:43:31+5:30

भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों के 42 लाख से भी अधिक हो जाने से चिंताएं बढ़ गयी हैं और वैज्ञानिक एंटीबॉडी के अहम मुद्दे के साथ जूझ रहे हैं और यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वे रोग की कड़ी में कैसे प्रभाव डालते हैं।

Coronavirus Scientist Presence of antibodies does not guarantee protection from SARS-COV-2 virus | Coronavirus: वैज्ञानिक बोले- एंटीबॉडी की मौजूदगी सार्स-सीओवी-2 वायरस से सुरक्षा की गारंटी नहीं

सार्स-सोवी-2 से संक्रमण पिछले का स्पष्ट संकेत है लेकिन एनएबी की गैर-मौजूदगी में यह रोग से सुरक्षा की गारंटी नहीं है।

Highlightsइस बात पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है कि एंटीबॉडी किस प्रकार के और कितने हैं तथा वे कितने समय तक बने रहेंगे।वैज्ञानिकों का कहना है कि केवल एक चीज कही जा सकती है कि एंटीबॉडी एक संकेत है कि व्यक्ति पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुका है।कोरोना वायरस के खिलाफ तैयार एनएबीएस कोशिका सेल में वायरस के प्रवेश को रोक सकती हैं।

नई दिल्लीः वैज्ञानिकों का कहना है कि एंटीबॉडी की उपस्थिति सार्स-सीओवी-2 वायरस से विगत में संक्रमण का संकेत देती है लेकिन यह हर बार बीमारी से सुरक्षा प्रदान करने में सफल नहीं रहती।

उनका यह भी कहना है कि इस बात पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है कि एंटीबॉडी किस प्रकार के और कितने हैं तथा वे कितने समय तक बने रहेंगे। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों के 42 लाख से भी अधिक हो जाने से चिंताएं बढ़ गयी हैं और वैज्ञानिक एंटीबॉडी के अहम मुद्दे के साथ जूझ रहे हैं और यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वे रोग की कड़ी में कैसे प्रभाव डालते हैं।

वैज्ञानिक अब भी कई अध्ययनों और परिकल्पनाओं पर काम कर रहे हैं लेकिन अब तक कोई आम सहमति नहीं बन सकी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि केवल एक चीज कही जा सकती है कि एंटीबॉडी एक संकेत है कि व्यक्ति पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुका है।

प्रतिरक्षा विशेषज्ञ सत्यजीत रथ ने कहा कि वह "देखो और प्रतीक्षा करो’’ की नीति पर चलना पसंद करेंगे कि देखेंगे कि साक्ष्य क्या बताते हैं। नयी दिल्ली स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी (एनआईआई) के वैज्ञानिक ने कहा कि एंटीबॉडी की मौजूदगी अपने आप लोगों में रोग की कड़ी के बारे में कुछ नहीं बताती है।

पुणे के भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) से संबद्ध विनीता बाल ने कहा कि समाप्त करने वाले एंटीबॉडी (एनएबी) होती हैं तथा सामान्य एंटीबॉडी भी होती हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ तैयार एनएबीएस कोशिका सेल में वायरस के प्रवेश को रोक सकती हैं।

उन्होंने कहा कि सामान्य एंटीबॉडी वायरल वायरस की उपस्थिति का एक संकेत हैं लेकिन वे वायरस के प्रसार को रोकने में उपयोगी नहीं हैं। प्रतिरक्षा वैज्ञानिक ने कहा कि एंटीबॉडी की सामान्य उपस्थिति विगत में सार्स-सोवी-2 से संक्रमण पिछले का स्पष्ट संकेत है लेकिन एनएबी की गैर-मौजूदगी में यह रोग से सुरक्षा की गारंटी नहीं है।

Web Title: Coronavirus Scientist Presence of antibodies does not guarantee protection from SARS-COV-2 virus

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