Coronavirus: राजस्थान में महामारी का पहला एपिसेंटर रहा भीलवाड़ा हुआ कोरोना मुक्त, रैपिड टेस्ट शुरू

By धीरेंद्र जैन | Updated: April 19, 2020 05:41 IST2020-04-19T05:41:27+5:302020-04-19T05:41:27+5:30

राजधानी जयपुर से शनिवार को प्रदेश में रैपिड टेस्ट की शुरुआत की गई। लिए गए सभी 55 सेंम्पल की रिपोर्ट निगेटिव आई। राजस्थान रैपिड टेस्ट की शुरुआत करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

Coronavirus: Rajasthan: Bhilwara was the first epicenter of the epidemic, now corona free | Coronavirus: राजस्थान में महामारी का पहला एपिसेंटर रहा भीलवाड़ा हुआ कोरोना मुक्त, रैपिड टेस्ट शुरू

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsराजस्थान में कोरोना मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या के बीच एक राहत भरी खबर है कि प्रदेश का पहला कोरोना एपिसेंटर बनकर उभरा भीलवाड़ा जिला अब पूर्णतया कोरोना मुक्त हो चुका है। भीलवाड़ा में शनिवार को एक भी कोरोना संक्रमण का मामला शेष नहीं है। वहीं राजधानी जयपुर से शनिवार को प्रदेश में रैपिड टेस्ट की शुरुआत की गई।

राजस्थान में कोरोना मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या के बीच एक राहत भरी खबर है कि प्रदेश का पहला कोरोना एपिसेंटर बनकर उभरा भीलवाड़ा जिला अब पूर्णतया कोरोना मुक्त हो चुका है। भीलवाड़ा में शनिवार को एक भी कोरोना संक्रमण का मामला शेष नहीं है। वहीं राजधानी जयपुर से शनिवार को प्रदेश में रैपिड टेस्ट की शुरुआत की गई। लिए गए सभी 55 सेंम्पल की रिपोर्ट निगेटिव आई। राजस्थान रैपिड टेस्ट की शुरुआत करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

वहीं एक अन्य राहत की खबर यह भी है कि जयपुर के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. जितेंद्र सिंह मक्कड़ और पर्पल ग्रुप के एमडी कपिल तनेजा ने मात्र 20 हजार की लागत से एक मोबाइल सैंपलिंग बूथ बनाया है।

जयपुर में घर-घर सर्वे और सैंपलिंग के दौरान मरीज के सीधे संपर्क में आने से 5 मेडिकल वॉरियर्स इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। यह मोबाइल सैंपलिंग बूथ संक्रमण के खतरे को कम करेगा।

इस बूथ के नीचे पहिये लगे होने के कारण इसे रामगंज जैसी तंग गलियों में भी आसानी से ले जा सकते हैं। कपिल तनेजा का कहना है कि एक बूथ बनाने में 20 हजार रु. खर्च हुए हैं। ऐसे 100 बूथ सरकार को दान किए जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि भीलवाड़ा एक समय प्रदेश का सर्वाधिक संवेदनशील जिला था और जब प्रदेश में कुल मरीजों की संख्या 18 थी, तब अकेले 12 मरीज भीलवाड़ा जिले के थे। वहीं अब तक यहां मिले कुल 28 मामलों में से दो लोगों की पहले ही मौत हो गई थी और शेष 26 रोगियों की रिपोर्ट पाॅजीटिव से निगेटिव आ चुकी है और सभी को डिस्चार्ज कर घर भेजा जा चुका है।

इस प्रकार अब भीलवाड़ा कोरोना मुक्त जिला बन चुका है। यहां पर अपनाए गये कारगर उपायों के चलते आज ‘भीलवाड़ा माॅडल‘ देश-दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि, यहां अभी भी सख्ती जारी है। सिर्फ जरूरी सेवाओं को ही कोरोना प्रोटोकॉल के तहत शुरू किया गया है।

शहर की सीमाएं सील हैं। किसी को अंदर आने नहीं दिया जा रहा है। साथ ही, इलाके में लगातार सैनेटाइजेशन, स्क्रीनिंग और जांच का काम किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि जयपुर में एक डाॅक्टर सहित 6 स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना संक्रमित पाया गया वहीं जयपुर में संख्या 499 पर पहुंची चुकी है और इसमें भी 343 संक्रमित रामगंज एवं इसके आसपास के हैं। ऐसे में जयपुर में बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने में और संक्रमितों की जल्द पहचान करने में रैपिड टेस्ट काफी कारगर रहने की संभावना है।

Web Title: Coronavirus: Rajasthan: Bhilwara was the first epicenter of the epidemic, now corona free

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