नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस कर कोरोना वायरस से निपटने के उपायों पर चर्चा की। पीएम ने कहा कि सभी को मिलकर इस महामारी से लड़ना होगा। सभी राज्यों के सीएम ने कहा कि हम सभी देश के साथ हैं।
केरल सीएम पिनाराई विजयन ने कहा कि राज्य सरकार 22 मार्च को 'जनता कर्फ्यू' का पूरा समर्थन करेगी। राज्य परिवहन निगम की बसें और सार्वजनिक परिवहन बंद रहेंगे। उस दिन मेट्रो भी नहीं चलेगी। लोगों को घर पर ही रहना चाहिए। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि 22 मार्च से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद क्यों होनी चाहिए? इसे तत्काल किए जाने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री कोरोना वायरस से निपटने के लिये लोगों और स्थानीय अधिकारियों से सहयोग की अपील कर रहे हैं। मोदी ने बृहस्पतिवार को देश को संबोधित करते हुए कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ऐसी सोच बन गई है कि भारत में संकट टल गया है और सब ठीक है। उन्होंने कहा, ''यह मानसिकता सही नहीं है। कोरोनवायरस जैसी वैश्विक महामारी को लेकर लापरवाही ठीक नहीं है। हर भारतीय को सतर्क रहने की जरूरत है।''
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से बृहस्पतिवार को चौथी मौत हुई, जबकि देश में ‘कोविड-19’ के कुल मामले बढ़ कर 230 हो गये हैं। इस बीच, भारत ने 22 मार्च से सभी अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक यात्री उड़ानों के उतरने पर एक हफ्ते के लिये प्रतिबंध लगा दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में लोगों से घरों में ही रहने का अनुरोध करते हुए रविवार के लिये ‘‘जनता कर्फ्यू’’ का आह्वान किया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से चौथी मौत होने का ब्योरा देते हुए कहा कि पंजाब में जिस व्यक्ति की मौत हुई है वह एक बुजुर्ग व्यक्ति था और वह मधुमेह, हृदय रोग जैसी अन्य बीमारियों से भी ग्रसित था। छत्तीसगढ़ और चंडीगढ़ में कोरोना वायरस से संक्रमण के पहले मामले आज सुबह दर्ज किये जाने के साथ देश में पिछले चौबीस घंटों में इसके 20 से अधिक नये मामले सामने आये हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने कोरोना वायरस महामारी संकट पर अपने संदेश में कहा कि आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को छोड़ कर किसी को भी घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सोचना सही नहीं है कि सब ठीक है और इस वायरस को फैलने से रोकने के लिये लोगों से केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों द्वारा जारी परामर्शों का पालन करने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में भी इतनी संख्या में देश प्रभावित नहीं हुए थे जितनी कि कोरोना वायरस से हुए हैं।
उन्होंने राष्ट्र के नाम करीब 30 मिनट के अपने संबोधन में कहा कि दुनिया में कभी इतना गंभीर खतरा पैदा नहीं हुआ। उन्होंने 22 मार्च को सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक लोगों को ‘‘जनता कर्फ्यू’’ का पालन करने कहा और अस्पतालों, हवाईअड्डों तथा अन्य स्थानों पर अपनी परवाह किये बगैर काम करने वालों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि ‘‘जनता कर्फ्यू’’ का अनुभव और इसकी सफलता भविष्य में चुनौतियों का सामना करने के लिये भी राष्ट्र को तैयार करेगी। इस महामारी को फैलने से रोकने के लिये कई राज्यों में पाबंदियां लगाई जाने के चलते वे (राज्य) बंद जैसी स्थिति की ओर बढ़ रही है।