जम्मू: जम्मू-कश्मीर के लिए कोरोना आने वाले दिनों में बड़ी आफत बन कर टूट सकता है। कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़े डराने वाले हैं। मध्यरात्रि से अब तक करीब 16 लोगों की कोरोना संक्रमण के कारण जान गई है। मरने वालों में 20 साल की लड़की व 47 से 55 आयुवर्ग के लोग शामिल थे।
इस महीने अभी तक 174 मरीजों की मौत हो चुकी है। पिछले केवल चार दिनों में ही 80 मरीजों की मौत हो चुकी है।स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मरने वाले 16 मरीजों में तीन महिलाएं थी जबकि अन्य पुरुष मरीज थे। मंगलवार को जिस 20 वर्षीय लड़की की कोरोना से मौत हुई वह त्राल पुलवामा की रहने वाली थी।
स्वास्थ्य खराब होने पर उसे सौरा स्थित स्किम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसके अलावा घाटी में कोरोना से मरने वाली दूसरी 55 वर्षीय महिला काजीगुंड अनंतनाग की रहने वाली थी। वह भी स्किम्स में उपचाराधीन थी। भर्ती होने के तीसरे दिन उसकी मृत्यु हो गई।
पिछले केवल चार दिनों में ही 80 मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें से 11 फीसद मरीज ऐसे थे जोकि अस्पताल आने से पहले ही दम तोड़ चुके थे। वे अपने घरों में ही आइसोलेट हुए थे। ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जम्मू-कश्मीर में एक साल में पहली बार चार दिनों में इतनी मौतें हुई हैं।
सोमवार को 25 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई थी जबकि 25 अप्रैल को 21, 24 अप्रैल को 15 और 23 अप्रैल को 19 मरीजों की मौत हुई थी। इनमें से नौ ऐसे मरीज थे जो इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे ही नहीं थे। उनकी घरों में ही मौत हो गई।
इससे स्वास्थ्य विभाग भी चिंतित है और इससे सरकार की कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए की गई व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह भी लग गए हैं।
कश्मीर में एक साल से कोरोना मामलों पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ डा. निसार-उल-हक का कहना है कि बहुत से कोरोना संक्रमित मरीज ऐसे हैं जिनके बारे में सरकारी आंकड़ों में भी जिक्र नहीं होता।
पिछले साल सितंबर महीने में सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई थी। सितंबर महीने में 37,373 लोग संक्रमित हुए और 478 मरीजों की मौत हुई। इसके बाद कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या के साथ साथ मौत का ग्राफ भी कम होने लगा था। लेकिन अब अप्रैल महीने में फिर से स्थिति गंभीर हो गई है।