Coronavirus: केंद्र की तर्ज पर उत्तर प्रदेश सरकार ने लिया राज्यकर्मियों का अतिरिक्त डीए रोकने का फैसला

By भाषा | Updated: April 26, 2020 05:39 IST2020-04-26T05:39:28+5:302020-04-26T05:39:28+5:30

राज्य सरकार की ओर से जारी एक शासनादेश में कहा गया कि एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 से दिये जाने वाले डीए की किश्त को भी नहीं देने का फैसला किया गया है।

Coronavirus: On lines of Center, UP govt decides to stop additional DA of state workers | Coronavirus: केंद्र की तर्ज पर उत्तर प्रदेश सरकार ने लिया राज्यकर्मियों का अतिरिक्त डीए रोकने का फैसला

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। (फाइल फोटो)

Highlightsकेन्द्र सरकार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के 16 लाख कर्मचारियों को एक जनवरी 2020 से दिये जाने वाले अतिरिक्त डीए (महंगाई भत्ता) को रोकने का फैसला शनिवार को किया। सरकारी आदेश में कहा गया कि कर्मचारी और पेंशनर हालांकि एक जुलाई 2019 की दरों पर डीए और महंगाई राहत (डीआर) पाते रहेंगे। यह एक जुलाई 2021 को उस समय की दरों के आधार पुन: दिया जाने लगेगा।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर राजस्व में आयी कमी के चलते केन्द्र सरकार की तर्ज पर राज्य के 16 लाख कर्मचारियों को एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक यानी डेढ़ साल तक महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की अतिरिक्त किश्तों का भुगतान नहीं करेगी।

प्रदेश सरकार की ओर से 24 अप्रैल को जारी शासनादेश में कहा गया, ''भारत सरकार द्वारा लिये गये फैसले के अनुरूप राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं, प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के कर्मचारियों और पेंशनरों को एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 से देय महंगाई भत्ता (डीए) एवं महंगाई राहत (डीआर) की अतिरिक्त किश्तों का भुगतान नहीं किया जाएगा।''

शासनादेश में आगे कहा गया, ''कर्मचारियों एवं पेंशनरों को एक जुलाई 2019 से लागू दरों पर अनुमन्य महंगाई भत्ता और महंगाई राहत का भुगतान किया जाता रहेगा।'' इसमें फैसले की वजह बताते हुए कहा गया कि राज्य सरकार की ओर से राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनरों को भारत सरकार द्वारा अनुमन्य दर पर महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत का भुगतान किया जाता है।

कोविड—19 के कारण राज्य सरकार के राजस्व में भी कमी आयी है। साथ ही कोविड—19 की रोकथाम के लिए किये जा रहे उपायों हेतु पर्याप्त वित्तीय संसाधन की आवश्यकता है।

आदेश में कहा गया कि जैसे ही सरकार द्वारा एक जुलाई 2021 से देय महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की भावी किश्तों को जारी करने का निर्णय लिया जाता है, एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 से प्रभावी महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की दरों को भावी प्रभाव से बहाल कर दिया जाएगा और उन्हें एक जुलाई 2021 से प्रभावी संचयी संशोधित दर में सम्मिलित कर दिया जाएगा।

एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक की अवधि का कोई बकाया नहीं दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कोविड—19 से उत्पन्न संकट को देखते हुए भारत सरकार ने 23 अप्रैल को फैसला किया कि केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को एक जनवरी 2020 से देय महंगाई भत्ते और पेंशनभोगियों की महंगाई राहत की अतिरिक्त किश्त का भुगतान नहीं किया जाएगा।

केन्द्र ने तय किया कि एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 से देय महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की अतिरिक्त किश्तों का भी भुगतान नहीं किया जाएगा। महंगाई भत्ते और महंगाई राहत का हालांकि मौजूदा दरों पर भुगतान किया जाता रहेगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने डीए रोकने के अलावा विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को मिलने वाले छह तरह के भत्तों को भी रोक दिया है। जो भत्ते रोके गये हैं, वे सीसीए, सचिवालय भत्ता तथा पुलिस, पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग के कर्मचारियों को मिलने वाला विशेष भत्ता हैं। 

Web Title: Coronavirus: On lines of Center, UP govt decides to stop additional DA of state workers

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