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कोरोनावायरस: मंगोलिया ने चीन से लगती अपनी सीमा पर रोक लगाई, भारत ने नेपाल से सटे जिलों में सतर्कता बढ़ायी

By भाषा | Updated: January 27, 2020 16:52 IST

मंगोलिया में अभी निमोनिया जैसे वायरस का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ। कोरोनावायरस से अब तक मंगोलिया के पड़ोसी देश चीन में 81 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि यहां अभी तक इसका एक भी मामला सामने नहीं आया है। चीन के क्षेत्र इनर मंगोलिया में भी कोरोनावायरस के कई मामले सामने आ रहे हैं। 

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ठळक मुद्देकेंद्र ने नेपाल में कोरोनावायरस का एक सत्यापित मामला सामने आने के बाद इसकी सीमा से सटे जिलों में निगरानी बढ़ा दी है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के झूलाघाट तथा जौलजिबी में नेपाल से सटे क्षेत्रों में स्वास्थ्य टीमें तैनात की गई हैं।

चीन में जानलेवा कोरोनावायरस के प्रसार को देखते हुए मंगोलिया ने चीन से लगती अपनी सीमा पर कार और पैदल यात्रियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।

मंगोलिया में अभी निमोनिया जैसे वायरस का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ। कोरोनावायरस से अब तक मंगोलिया के पड़ोसी देश चीन में 81 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि यहां अभी तक इसका एक भी मामला सामने नहीं आया है। चीन के क्षेत्र इनर मंगोलिया में भी कोरोनावायरस के कई मामले सामने आ रहे हैं। 

केंद्र ने नेपाल में कोरोनावायरस का एक सत्यापित मामला सामने आने के बाद इसकी सीमा से सटे जिलों में निगरानी बढ़ा दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि पश्चिम बंगाल के पानीटंकी में और उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के झूलाघाट तथा जौलजिबी में नेपाल से सटे क्षेत्रों में स्वास्थ्य टीमें तैनात की गई हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘ नेपाल में कोरोनावायरस की पुष्टि के बाद (पश्चिम बंगाल के) पानीटंकी में नेपाल से सटे इलाके में निगरानी कड़ी कर दी गई है।’’ मंत्रालय ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘ नेपाल में एनसीओवी 2019 की पुष्टि के बाद भारत ने नेपाल से सटे जिलों में चौकसी बढ़ा दी है।

उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिले के झूलाघाट और जौलजिबी में नेपाल से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य टीमें तैनात की गई हैं।’’ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में जरूरत महसूस होने की स्थिति में इस विषाणु के संदिग्ध मामले का उपचार करने के लिए एम्स और आरएमएल जैसे केंद्र सरकार के अस्पतालों में पृथक वार्ड बनाए गए हैं और बिस्तर तैयार रखे गए हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्वीट किया कि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के विशेषज्ञों ने इस पृथक वार्ड का निरीक्षण करने के लिए यहां डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पताल का दौरा किया और कोरोना विषाणु संक्रमण के उपचार एवं नियंत्रण के लिए की गयी तैयारी की समीक्षा की।

छब्बीस जनवरी तक 137 उड़ानों के 29,707 यात्रियों का इस विषाणु के लक्षणों को लेकर मेडिकल परीक्षण किया गया और भारत में अबतक इस बीमारी का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। केरल और महाराष्ट्र में कोरोनावायरस की चपेट में आने की आशंका में मेडिकल परीक्षण के बाद 100 से अधिक लोगों को निगरानी में रखा गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने चीन में इस बीमारी के बढ़ते मामलों पर बढ़ती वैश्विक चिंता के बीच इससे निपटने की भारत की तैयारी की शनिवार को समीक्षा की।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को कहा था कि सात यात्रियों के नमूने पुणे की आईसीएमआर एनआईवी प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। त्रिशूर, तिरुवनंतपुरम, पथनमथिट्टा और मलप्पुरम के एक-एक व्यक्ति तथा एर्नाकुलम के तीन संदिग्ध रोगियों को राज्य में विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में पृथक वार्ड में रखा गया है। विदेश मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए व्यक्तियों की सूची पर नजर रखने के लिए चौबीसों घंटे और सातों दिन चलने वाला एक कॉल सेंटर शुरू किया गया है।

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