केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि अब तक 91 लाख प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य पहुंचाया गया है। कोरोना वायरस के कारण देश में लागू लॉकडाउन के बीच मजदूरों की दशा पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषाह मेहता ने ये बात कही।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले का संज्ञान लिया था, जिसके बाद इस पर गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने कहा- 'उत्तर प्रदेश और बिहार से 80 प्रतिशत से ज्यादा प्रवासी हैं। अब तक 91 लाख प्रवासियों को शिफ्ट किया जा चुका है।'
सरकार की ओर से साथ ही कहा गया कि जब तक एक भी प्रवासी बचा रहता है तब तक वो अपने प्रयास या ट्रेन सेवाओं को नहीं रोकेगी। तुषार मेहता ने कोर्ट से ये भी कहा ये अभूतपूर्व स्थिति है और इसलिए सरकार भी अभूतपूर्व कदम उठा रही है।
इससे पहले मंगलवार को कोर्ट ने श्रमिकों की हालत पर संज्ञान लेते हुए कहा था कि राज्य और केंद्र सरकार के स्तर पर कई खामियां रही और गलती हुई।
साथ ही कोर्ट ने सभी फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को तत्काल राहत पहुंचाने के भी निर्देश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों को राहत पहुंचाने के लिए उठाए जा रहे कदमों को लेकर एफिडेविट फाइल करें। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने कामगारों की परेशानियों का संज्ञान लेते हुये केन्द्र, राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों से 28 मई तक जवाब मांगा था।