लॉकडाउन 3.0 में शराब की बिक्री को लेकर यूपी, दिल्ली और पंजाब में हंगामा, सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां
By एसके गुप्ता | Updated: May 4, 2020 18:25 IST2020-05-04T18:25:50+5:302020-05-04T18:25:50+5:30
शराब की दुकानें खुलने को लेकर पंजाब, महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, तेलंगाना सहित डेढ़ दर्जन से भी अधिक राज्य लगातार केंद्र सरकार पर दबाव बनाए हुए थे। हालांकि लॉक डाउन 2.0 तक केंद्र सरकार ने इस दबाव को स्वीकार नहीं किया।

फोटो साभार- एएनआई
राज्यों के दबाव में केंद्र सरकार ने शराब की दुकानें खोलने का आदेश तो दे दिया लेकिन दुकानें खुलते ही 40 दिन में लिए गए सभी एहतियात की धज्जियां उड़ती नजर आईं। देश के सभी हिस्सों में पूर्व से पश्चिम तक और उत्तर से लेकर दक्षिण तक सभी हिस्सों में शराब की दुकानों पर लंबी लाइनें दिखीं।
सोशल डिस्टेंसिंग के सारे नियम धरे के धरे रह गए। स्थिति इतनी गंभीर थी कि अधिकतर राज्यों में पुलिस को लाठी चार्ज कर शराब की दुकानों से भीड़ को खदेड़ना पड़ा। दिल्ली सहित कई जगहों पर पुलिस बल ने शराब की दुकानों को बंद करा दिया। जिससे बेकाबू हुई स्थिति पर काबू पाया जा सके।
शराब की दुकानें खुलने को लेकर पंजाब, महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, तेलंगाना सहित डेढ़ दर्जन से भी अधिक राज्य लगातार केंद्र सरकार पर दबाव बनाए हुए थे। हालांकि लॉक डाउन 2.0 तक केंद्र सरकार ने इस दबाव को स्वीकार नहीं किया। लेकिन लॉकडाउन 3.0 में केंद्र सरकार राज्यों के दबाव के आगे झुकती नजर आई। उसने ग्रीन और ऑरेंज जोन के साथ ही रेड जोन में भी शराब की दुकानें खोलने को लेकर इजाजत दे दी।
जिससे सोमवार सुबह से ही शराब की दुकानों पर लोग ऐसे पहुंचने लगे जैसे कहीं रैली के लिए लोग जुट रहे हों। इससे सोशल डिस्टेंसिंग और तमाम तरह की एहतियात के दावे धरे के धरे रह गए। हरियाणा में शराब खरीदने के लिए दुकानों पर लाइनें लगी लेकिन शराब की बिक्री पर राज्य सरकार की ओर से बिक्री शुरू करने पर निर्णय नहीं लिया गया है।
हालांकि मध्यप्रदेश ने शराब बिक्री अभी शुरू नहीं की है, यहां अगले एक-दो दिन में राज्य सरकार शराब बिक्री शुरू कर सकती है। छत्तीसगढ़ सरकार शराब की ऑनलाइन बिक्री पर विचार कर रही है। जिससे सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन हो सके। बिहार में शराब की बिक्री पर पहले से ही पूर्ण प्रतिबंध है। गुजरात में भी शराबबंदी लागू है। लेकिन यहां पर्यटकों को विशेष परमिट के तहत शराब बेची जाती है।
शराब फेडरेशन का कहना
शराब विक्रेताओं की फेडरेशन कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन एल्कोहलिक बेवरेज कंपनिज (सीआईएबीसी) के महानिदेश विनोद गिरी ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि 40 दिनों के बाद राज्यों में शराब की दुकानें खुलने के कारण ऐसा हुआ है। पहले एक-दो दिन ऐसी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकारों को प्लानिंग करनी चाहिए थी, जिसके अभाव में स्थिति बेकाबू हुई है।
इसके अलावा लोकमत के माध्यम से मैं राज्य सरकारों और दुकानदारों से यह अपील करता हूं कि वह टोकन सिस्टम लागू करके भीड को नियंत्रित करें। इसके अलावा शराब की ऑनलाइन बिक्री के विकल्प को भी राज्य सरकारें अपनाए क्योंकि जब तक कोविड-19 की वैक्सीन नहीं आती तब तक दुकानें तो बंद नहीं की जा सकती हैं। क्योंकि शराब 4.5 लाख करोड़ रुपए का है। जिससे राज्यों को हजारों करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होता है।
शराब की दुकानें खुलने के कारण सोशल डिस्टेंसिंग के नियम टूटने पर दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली के सभी जिले रेड जोन में हैं। लॉकडाउन 3.0 में दुकानें खोलने का निर्देश राज्य सरकार ने नहीं दिया है। क्योंकि यह राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। केंद्र ने ही छूट दी है, वही जाने।
राज्य सरकारें क्यों ‘छलकाना’ चाहती हैं जाम
राज्यों की 15 से 30 फीसदी कमाई का हिस्सा शराब बिक्री से आता है। पिछले साल सरकार को शराब बिक्री से 2.5 लाख करोड रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था। शराब की 70 से 80 फीसदी बिक्री दुकानों से होती है और 20 से 30 फीसदी बिक्री पब, रेस्तरां और होटल से होती है। लॉकडाउन से सरकार को करीब 30 फीसदी शराब से मिलने वाले राजस्व का नुकसान हुआ है। पिछले साल महाराष्ट्र सरकार को शराब बिक्री से 24 हजार करोड़ रुपए, पंजाब सरकार को 5600 करोड़ रुपए और दिल्ली सरकार को 5500 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था।