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Coronavirus: ईरान की संसद के स्पीकर हुए कोरोना वायरस से संक्रमित, देश में मरने वालों की संख्या 3000 के पार

By भाषा | Updated: April 3, 2020 05:38 IST

संसद ने अपनी वेबसाइट पर गुरुवार को लारीजानी की बीमारी की घोषणा करते हुए कहा कि उन्हें पृथक रखकर उनका इलाज किया जा रहा है। ईरान, इस वायरस के सबसे घातक प्रकोप की चपेट में आने वाले देशों में शामिल है।

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ठळक मुद्देईरान की संसद ने कहा कि स्पीकर अली लारीजानी को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है और उन्हें पृथक रखा गया है। लारीजानी ईरान की सरकार के भीतर इस वायरस से संक्रमित होने वाले सर्वोच्च दर्जे वाले अधिकारी हैं।

ईरान की संसद ने कहा कि स्पीकर अली लारीजानी को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है और उन्हें पृथक रखा गया है। लारीजानी ईरान की सरकार के भीतर इस वायरस से संक्रमित होने वाले सर्वोच्च दर्जे वाले अधिकारी हैं। संसद ने अपनी वेबसाइट पर गुरुवार को लारीजानी की बीमारी की घोषणा करते हुए कहा कि उन्हें पृथक रखकर उनका इलाज किया जा रहा है। ईरान, इस वायरस के सबसे घातक प्रकोप की चपेट में आने वाले देशों में शामिल है।

बता दें कि ईरान में कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वालों की संख्या बुधवार को तीन हजार के पार हो गई। इस बीच, राष्ट्रपति हसन रुहानी ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह प्रतिबंध हटाने का ऐतिहासिक मौका गंवा रहा है। उल्लेखनीय है कि 2018 में ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से हटने और प्रतिबंध दोबारा लगाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के फैसले के बाद से दोनों देशों के संबंधों में तनाव है।

ईरान कोरोना वायरस की महामारी के चलते अमेरिका से लगातार अपनी नीति में बदलाव करने का आह्वान कर रहा है जिसका अमेरिका के सहयोगी विरोध कर रहे हैं। मंत्रालय के प्रवक्ता कियानोश जहांपुर ने बताया कि गत 24 घंटे में 138 और लोगों की मौत के साथ देश में अबतक कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वालों की संख्या 3,036 से हो गई है।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमण के 2,987 नये मामले सामने आने के बाद इससे संक्रमित लोगों की संख्या 47,593 हो गई है। 15,473 लोग ठीक हो गए हैं। मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान टीवी पर टिप्पणी करते हुए रोहानी ने कहा, ‘‘ यह अमेरिकियों के लिए बेहतरीन और ऐतिहासिक मौका है जब वे अपने गलत रास्ते को बदल लें और देश को बताएं कि वे ईरानी जनता के खिलाफ नहीं हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ वे इस कठिन वैश्विक संकट के समय भी सबक नहीं ले रहे हैं। यह मानवता का मामला है। कोई उनपर पीछे हटने का आरोप नहीं लगाएगा।’’ उल्लेखनीय है कि दवाएं और चिकित्सा उपकरण अमेरिकी प्रतिबंध से बाहर है लेकिन उनकी खरीददारी को लगातार बाधित किया जाता है क्योंकि बैंक अमेरिका में भारी भरकम जुर्माना लगने की डर से भुगतान की प्रक्रिया शुरू करने के प्रति अनिच्छुक हैं।

अजरबैजान, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, जापान,कतर, रूस और संयुक्त अरब अमीरात सहित कई देशों ने दवाओं से भरे जहाज ईरान भेजे हैं। जर्मनी ने मंगलवार को बताया कि यूरोपीय संघ ने अमेरिकी प्रतिबंध से बचने के लिए स्थापित इंटेक्स फाइनेंशिंग मैकेनिज्म के तहत पहली बार दवाओं की आपूर्ति ईरान को की है। 

टॅग्स :कोरोना वायरसईरानलोकमत हिंदी समाचार
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