Coronavirus: लॉकडाउन में गर्भवती महिलाओं को करना पड़ रहा चिंता और बेचैनी का सामना, ले रहीं हेल्पलाइनों की मदद

By भाषा | Updated: April 19, 2020 18:17 IST2020-04-19T18:17:18+5:302020-04-19T18:17:18+5:30

मुंबई के ‘अरमान’ नामक एनजीओ ने गर्भवती महिलाओं और नव-माताओं की मदद के लिए टोल फ्री नंबर (1-800-212-1425) जारी किया है।

Coronavirus: Helplines help pregnant women face anxiety and discomfort in lockdown | Coronavirus: लॉकडाउन में गर्भवती महिलाओं को करना पड़ रहा चिंता और बेचैनी का सामना, ले रहीं हेल्पलाइनों की मदद

Coronavirus: लॉकडाउन में गर्भवती महिलाओं को करना पड़ रहा चिंता और बेचैनी का सामना, ले रहीं हेल्पलाइनों की मदद

Highlights। इन महिलाओं को यह डर सता रहा है कि कहीं अस्पताल जाने के लिए घर से बाहर निकलने पर उनके और उनके होने वाले बच्चे के लिए कोई खतरा पैदा न हो जाए।लॉकडाउन के दौरान गर्भवती महिलाओं की मदद करने के लिए कुछ हेल्पलाइन भी शुरू हुई हैं।

नयी दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन में गर्भवती महिलाओं को चिंता और बेचैनी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। 28 सप्ताह की गर्भवती साधना को रात में नींद नहीं आती और वह अस्पताल जाने के विचार से ही डर जाती हैं। पूजा के प्रसव की संभावित तारीख जून में है और खुशी के समय वह चिंता तथा बेचैनी की समस्या से पीड़ित हैं। महामारी के चलते इसी तरह अनेक गर्भवती महिलाओं को अत्यधिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है। इन महिलाओं को यह डर सता रहा है कि कहीं अस्पताल जाने के लिए घर से बाहर निकलने पर उनके और उनके होने वाले बच्चे के लिए कोई खतरा पैदा न हो जाए।

पूजा ने कहा, ‘‘मैं अपने माता-पिता से दूर हूं जो बेंगलुरु में रहते हैं। मुझे मुंबई में अपने पति के पास जाना था, लेकिन मेरी उड़ान रद्द हो गई। मैं यहां अकेली हूं और स्वयं को ध्यान के माध्यम से स्थिर रखने की कोशिश कर रही हूं।’’ भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अनुसार उभरते साक्ष्यों से पता चलता है कि बच्चे को जन्म से पहले या प्रसव के दौरान मां से कोरोना वायरस का संक्रमण होने की संभावना है। यद्यपि यह पता चलना बाकी है कि गर्भावस्था और नवजात पर इसका किस हद तक असर होता है। साधना का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि चीजें ठीक होने से पहले स्थिति अभी कितनी और बिगड़ेगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अवसाद और चिंता में हूं...मैं अपने बच्चे की सुरक्षा को लेकर डरी हुई हूं।’’

इन परिस्थितियों में अनेक गर्भवती महिलाएं मार्गदर्शन के लिए विभिन्न एप और हेल्पलाइन का सहारा ले रही हैं । ‘इमुम्ज’ इसी तरह का एक एप है जो गर्भवती महिलाओं को सहायता उपलब्ध करा रहा है। इसके सह-संस्थापक रवि तेजा ने कहा कि उन्हें पता चला कि गर्भवती महिलाएं डॉक्टरों के पास नहीं जा पा रहीं और जांच नहीं करा पा रहीं। इससे वे चिंता और घबराहट में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अनेक महिलाएं हमारे एप की मदद ले रही हैं और 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बाद से हर सप्ताह इसे इस्तेमाल करने वालों की संख्या में 2,500 का इजाफा हो रहा है।’’

तेजा ने कहा कि कंपनी ने इस पर ‘आस्क मी एनीथिंग’ सुविधा शुरू की है जिस पर वरिष्ठ चिकित्सक, आहार विशेषज्ञ और मनोवैज्ञानिक गर्भवती महिलाओं की चिंताओं का हर रोज समाधान कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम सीधे योग और ध्यान के सत्र भी करते हैं। इससे भावी माताओं की लॉकडाउन संबंधी चिंता दूर हो रही है और उन्हें अपने बच्चों से जुड़ने में मदद मिल रही है।’’ लॉकडाउन के दौरान गर्भवती महिलाओं की मदद करने के लिए कुछ हेल्पलाइन भी शुरू हुई हैं।

मुंबई के ‘अरमान’ नामक एनजीओ ने गर्भवती महिलाओं और नव-माताओं की मदद के लिए टोल फ्री नंबर (1-800-212-1425) जारी किया है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रसूति विज्ञान एवं स्त्री रोग विभाग ने इस तरह की महिलाओं की मदद करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 9719287391 और 9887430520 जारी किए हैं। 

Web Title: Coronavirus: Helplines help pregnant women face anxiety and discomfort in lockdown

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