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कोरोना वायरस का असर: 'हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन' की बिक्री पर सरकार का कंट्रोल, कोविड-19 के इलाज से जुड़ी है दवा

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: March 28, 2020 08:07 IST

आईसीएमआर की अनुशंसा पर फैसला भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोरोना के संदिग्ध एवं संक्रमित मरीजों के इलाज में लगे चिकित्साकर्मियों के लिए भी 'हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन' दवा के इस्तेमाल को बचाव के वास्ते जरूरी बताया है.

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ठळक मुद्देभारत में लॉकडाउन का आज चौथा दिन है। पूरे देश में 24 मार्च से 21 दिनों का लॉकडाउन है। शुक्रवार (27 मार्च) को कोरोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा 800 के पार चला गया।

नई दिल्ली: सरकार ने कोरोना के इलाज एवं बचाव में काम आने वाली दवा 'हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन' की अनिवार्य जरूरत को देखते हुए इसकी बिक्री और वितरण को कानूनी नियंत्रण में लेकर सीमित कर दिया है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में 'हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन' को कोरोना के इलाज एवं बचाव में अनिवार्य जरूरत मानते हुए कहा गया है कि किसी भी प्रकार की संभावित आपातस्थिति को देखते हुए इसकी बिक्री और वितरण को कानून द्वारा नियंत्रित करना जरूरी हो गया है.

मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि 'हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन' की बिक्री और वितरण पर कानूनी नियंत्रण गुरुवार को अधिसूचना जारी होने के साथ ही लागू हो गया है. अधिसूचना के अनुसार ''केंद्र सरकार का यह समाधान हो गया है कि 'हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन' औषधि महामारी कोविड-19 के कारण उत्पन्न होने वाली आपातकालीन अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए आवश्यक है.''

मंत्रालय ने कहा- लोकहित में लिया फैसला

अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि लोकहित में 'हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन' और इससे बनने वाले अन्य औषधीय उत्पादों के विक्रय एवं वितरण को नियंत्रित करने के लिए 'खुदरा बिक्री औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945' के तहत निर्दिष्ट शर्तों के दायरे में लाया गया है. इसका मकसद इस दवा की बिक्री एवं वितरण संबंधी दुरुपयोग को रोकना है.

आईसीएमआर की अनुशंसा पर फैसला भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोरोना के संदिग्ध एवं संक्रमित मरीजों के इलाज में लगे चिकित्साकर्मियों के लिए भी 'हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन' दवा के इस्तेमाल को बचाव के वास्ते जरूरी बताया है. सरकार ने आपातस्थिति में इस दवा की आपूर्ति को बरकरार रखने के लिए आईसीएमआर द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) की अनुशंसा पर इस दवा के वितरण और बिक्री को नियंत्रित करने का फैसला किया है. 

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