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Coronavirus Updates: देश में ईंधन बिक्री 18 प्रतिशत गिरी, पेट्रोल की मांग में 16.3 प्रतिशत और डीजल मांग में 24 प्रतिशत की गिरावट

By भाषा | Updated: April 9, 2020 19:43 IST

रिपोर्ट में कहा गया कि आने वाले समय में लोग साझा कैब तथा सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने से बचेंगे। ऐसे में निजी वाहनों के अधिक इस्तेमाल होने से ईंधन मांग में सुधार देखी जा सकती है। हालांकि रिपोर्ट में तेल विपणन कंपनियों के लिये नकदी की कमी के संकट की आशंका को नकारा गया।

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ठळक मुद्देसबसे अधिक खपत वाले ईंधन डीजल की मांग में 24.23 प्रतिशत की गिरावट आयी और यह 56.5 लाख टन पर आ गयी। अधिकांश ट्रकों के सड़कों से दूर रहने तथा ट्रेनों के खड़े हो जाने के कारण यह गिरावट आयी है।

नई दिल्लीः कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये देश में लागू 21 दिनों के लॉकडाउन (बंद) के कारण यात्राएं व अन्य आर्थिक गतिविधियां रुक गयी हैं।

इसके कारण अप्रैल महीने में ईंधन की मांग में 66 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी जा रही है। उद्योग के अधिकारियों द्वारा दिये गये ताजा आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल महीने में डीजल और पेट्रोल की मांग में 66 प्रतिशत की गिरावट देखी जा रही है, जबकि उड़ानों के बंद होने के कारण विमानन ईंधन की मांग करीब 90 प्रतिशत कम चल रही है।

मार्च महीने में ईंधन की खपत में करीब 18 प्रतिशत की गिरावट आयी है। यह देश में ईंधन की खपत में आयी एक दशक से अधिक समय की सबसे बड़ी गिरावट है। एक साल पहले अप्रैल 2019 में देश में 24 लाख टन पेट्रोल और 73 लाख टन डीजल की खपत हुई थी। इसी तरह 6.45 लाख टन विमानन ईंधन की खपत हुई थी। भारत ईंधन का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है। अप्रैल में खपत में गिरावट से पहले मार्च महीने में ईंधन की बिक्री में एक दशक से अधिक समय की सबसे बड़ी गिरावट रही है।

मार्च महीने के दौरान डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन की मांग गिरने से पेट्रोलियम उत्पादों की खपत 17.79 प्रतिशत गिरकर 160.8 लाख टन रही। मार्च में सबसे अधिक खपत वाले ईंधन डीजल की मांग में 24.23 प्रतिशत की गिरावट आयी और यह 56.5 लाख टन रह गयी। अधिकांश ट्रकों के सड़कों से दूर रहने तथा रेलगाड़ियों के खड़े हो जाने के कारण यह गिरावट आयी है। यह डीजल की खपत में आयी अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। इसके अलावा पेट्रोल की खपत इस दौरान 16.37 प्रतिशत गिरकर 21.5 लाख टन पर आ गयी।

देश में विमानन सेवाएं मार्च मध्य से स्थगित हैं। इसके कारण मार्च में विमानन ईंधन की मांग 32.4 प्रतिशत गिरकर 4.84 लाख टन रही। मार्च माह में एलपीजी एकमात्र ईंधन रहा जिसकी बिक्री में तेजी आयी। आलोच्य माह के दौरान एलपीजी की बिक्री 1.9 प्रतिशत बढ़कर 23 लाख टन रही।

यह देश में पेट्रोलियम उत्पादों की खपत का प्राथमिक पूर्वानुमान है। इस अनुमान में सरकारी तथा निजी कंपनियों दोनों के बिक्री के आंकड़े शामिल हैं। इससे पहले तीन सरकारी पेट्रोलियम विपणन कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के प्राथमिक आंकड़ों से मार्च में पेट्रोल की बिक्री में 17 प्रतिशत की तथा डीजल की बिक्री में 26 प्रतिशत की गिरावट का पता चला। अधिकारियों ने बताया कि अप्रैल में एलपीजी की बिक्री 30 प्रतिशत अधिक चल रही है। 

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