coronavirus in indore: इंदौर में हालात खराब, मरीजों का आंकड़ा बढ़ते-बढ़ते 915 पहुंचा, 52 लोगों की मौत
By भाषा | Updated: April 21, 2020 14:26 IST2020-04-21T14:24:57+5:302020-04-21T14:26:29+5:30
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन नीलगंगा के थाना प्रभारी श्री यशवंत पाल जी के कोरोना से लड़ाई के दौरान हुए निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया - 'दु:ख की इस घड़ी में दिवंगत यशवंत पाल जी के परिवार के साथ मैं व पूरा प्रदेश खड़ा है।'

स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने मंगलवार को बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान जिले के 18 और लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। (file photo)
इंदौरःदेश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में शामिल इंदौर में इस महामारी का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिले में एक महीने से भी कम वक्त में इस महामारी के मरीजों का आंकड़ा बढ़ते-बढ़ते 915 पर पहुंच गया है, जबकि इनकी मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा बनी हुई है।
इस बीच, हालात की समीक्षा के लिये केंद्र सरकार के भेजे गये एक दल ने स्थानीय प्रशासन को लॉकडाउन को सख्ती से लागू कराने के निर्देश दिये हैं। इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने मंगलवार को बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान जिले के 18 और लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है।
इसके बाद जिले में इनकी कुल तादाद 897 से बढ़कर 915 पर पहुंच गयी है। उन्होंने बताया कि जिले में कोविड-19 से संक्रमित 52 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है, जबकि इस महामारी के 71 मरीजों को इलाज के बाद स्वस्थ होने पर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। आंकड़ों की गणना के मुताबिक जिले में कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर मंगलवार सुबह तक की स्थिति में 5.68 प्रतिशत थी। जिले में इस महामारी के मरीजों की मृत्यु दर पिछले कई दिन से राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा बनी हुई है।
इस बीच, कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये हालात की समीक्षा के मकसद से केंद्र सरकार ने अतिरिक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी की अगुवाई में पांच सदस्यीय दल को इंदौर भेजा है। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय दल ने जिले में इस महामारी के प्रकोप से निपटने के लिये अलग-अलग सरकारी विभागों के समन्वित प्रयासों की जरूरत पर जोर दिया है। इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन से कहा है कि वह जिले में लागू कर्फ्यू का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराये।
केंद्र सरकार पहले ही कह चुकी है कि इंदौर देश के उन स्थानों में शामिल है जहां कोविड-19 को लेकर हालात ‘‘विशेष रूप से गंभीर’’ हैं और लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन से कोरोना वायरस के और फैलने का खतरा है। इंदौर को सूबे की आर्थिक और वाणिज्यिक राजधानी कहा जाता है। लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण तमाम उद्योग-धंधे ठप हैं।
अधिकारियों के मुताबिक मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि इंदौर में आवश्यक सेवाओं के अलावा अन्य उद्यमों के दफ्तर फिलहाल नहीं खुलेंगे और सामान्य आर्थिक, औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों को बहाल करने की अनुमति अभी नहीं दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने ये निर्देश भी दिये हैं कि इंदौर के आस-पास संचालित होने वाले उद्योगों में इस शहर से फिलहाल कोई भी मजदूर और अन्य कर्मचारी नहीं आयेगा-जायेगा।