देशभर में कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार संक्रमितों और मौतों का आंकड़ा बढ़ता ता जा रहा है। वहीं, सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में आवाजाही पर बंदिशों के साथ विभिन्न शहरों में लोगों के लिए मास्क पहनना जरूरी कर दिया गया है और संक्रमण रोकने के उपायों के तहत निगरानी बढ़ा दी गई है। इस बीच, देश में संक्रमित लोगों की संख्या 6412 हो गई है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, शु्क्रवार सुबह कोरोना वायरस के सक्रीय मरीजों की संख्या 5709 पहुंच गई है। इस दौरान 199 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटों में 33 लोगों की मौत हुई है। राहत भरी खबर यह है कि 503 लोगों ठीक हो गए हैं, जिन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
करोना वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए केंद्र ने भी आवश्यक चिकित्सा उपकरणों और दवाओं की खरीद तथा निगरानी गतिविधियों को मजबूत करने में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की मदद के लिए 15,000 करोड़ रुपये के ‘कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज को मंजूरी दी है।
ओडिशा देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया है और 17 जून तक स्कूलों को बंद करने की घोषणा की है। कर्नाटक, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ समेत कुछ अन्य राज्यों ने कहा है कि वे आगामी दिनों में फैसला करेंगे कि 21 दिनों के लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाए या नहीं।
गुजरात, बिहार, ओडिशा, कर्नाटक, झारखंड, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, राजस्थान और पश्चिम बंगाल समेत अन्य जगहों से संक्रमण के नए मामले सामने आए, जबकि महाराष्ट्र में 97 मौतों के साथ संक्रमित लोगों की संख्या 1,300 से अधिक हो चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) की कमी की आशंकाओं को खारिज करते हुये कहा कि भारत में 20 कंपनियां पीपीई का निर्माण कर रही हैं। इसके लिये 1.7 करोड़ रुपये की कीमत के पीपीई की खरीद के आर्डर दिये जा चुके हैं। साथ ही 49 हजार वेंटिलेटर भी खरीदे जा रहे हैं। अग्रवाल ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में राज्यों की मदद के लिये पूरी तरह से केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित ‘‘कोविड इमरजेंसी पैकेज’’ को मंजूरी दिये जाने की जानकारी देते हुये बताया कि राज्यों के स्तर पर इस संकट से निपटने में संसाधनों की कमी को बाधक नहीं बनने दिया जायेगा। इस पैकेज के तहत कोरोना वायरस के रोगियों के लिये अलग से अस्पताल बनाने और प्रयोगशाला सहित अन्य जरूरी चिकित्सा संसाधनों की आपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी।