कोरोना की तीसरी लहर के दूसरी लहर जैसी गंभीर होने की आशंका नहीं: अध्ययन
By भाषा | Updated: June 25, 2021 22:42 IST2021-06-25T22:42:00+5:302021-06-25T22:42:00+5:30

कोरोना की तीसरी लहर के दूसरी लहर जैसी गंभीर होने की आशंका नहीं: अध्ययन
नयी दिल्ली, 25 जून एक अध्ययन में कहा गया है कि यदि कोविड-19 की तीसरी लहर आती है तो उसके दूसरी लहर की तरह गंभीर होने की आशंका नहीं है।
इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईजेएमआर) में प्रकाशित गणितीय ‘मॉडलिंग’ विश्लेषण पर आधारित इस अध्ययन में रेखांकित किया गया है कि टीकाकरण के दायरे के विस्तार से कोरोना वायरस की तीसरी लहर को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
अध्ययन में ऐसे परिदृश्य की चर्चा की गयी है जिसमें 40 प्रतिशत आबादी ने दूसरी लहर के तीन महीनों के भीतर दोनों खुराक ले ली हैं। इसमें कहा गया है कि टीकाकरण का प्रभाव संक्रमण की गंभीरता को 60 प्रतिशत तक कम करने के लिए है। अध्ययन के अनुसार इससे यह दिखता है कि संभावित तीसरी लहर के दौरान टीकाकरण गंभीरता को काफी हद तक कम कर सकता है।
"भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर की संभाव्यता: गणितीय मॉडलिंग आधारित विश्लेषण" के लेखकों में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के संदीप मंडल, बलराम भार्गव और समीरन पांडा तथा इंपीरियल कॉलेज लंदन के निमलन अरिनामिनपति शामिल हैं।
तीसरी लहर के संबंध में चार परिकल्पनाओं पर विचार करते हुए अध्ययन में कहा गया है, संक्रमण-आधारित प्रतिरक्षा क्षमता समय के साथ कम हो सकती है, पहले से संक्रमित हुए लोग पुन: संक्रमित हो सकते हैं, भले ही मौजूदा वायरस अपरिवर्तित रहे।
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