तिरुवनंतपुरमः केरल CM पिनारयी विजयन ने कहा कि राज्य में कुल 295 मामलों में से 206 ने विदेश की यात्रा की थी और 7 लोग विदेशी हैं। 14 लोगों को बरामद किया गया है। इससे पता चलता है कि हम एक निश्चित स्तर तक स्थिति को नियंत्रित करने में कामयाब रहे।
9 लोग आज केरल में कोरोना वायरस के लिए पॉजिटिव पाए गए हैं, कसारगोड में 7 कन्नूर और त्रिशूर में 1-1 मामला सामने आया है। उनमें से 3 लोग निजामुद्दीन, दिल्ली में तबलीकी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। राज्य में पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या अब 295 हो गई है। इलाज के बाद कोविड-19 संक्रमण से मुक्त हुए भारत के सबसे बुजुर्ग दंपति को कोट्टायम के सरकारी अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
राज्य में कम से कम 1.65 लाख लोग निगरानी में हैं, जबकि 643 लोग विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। विजयन ने बताया कि वर्तमान में, राज्य में वायरस से संक्रमित 256 लोग उपचाराधीन हैं। राज्य में इस बीमारी से दो लोगों की मौत हो चुकी है।
केरल के कोट्टायम जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित सबसे बुजुर्ग भारतीय व्यक्ति और उनकी पत्नी को पूरी तरह संक्रमण मुक्त होने के बाद शुक्रवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। चिकित्सा जगत में इसे एक करिश्मा बताया जा रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि थॉमस अब्राहम (93) और उनकी पत्नी मरियम्मा (88) कोट्टायम के सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ मार्च से जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे थे। इसमें उनकी जीत हुई है। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा, ''वे अब ठीक हैं। कोरोना वायरस की उनकी ताजा जांच में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है जिसके बाद उनको छुट्टी देने का फैसला लिया गया।'' केरल के पथनामथिट्टा जिले के रन्नी गांव के निवासी थॉमस और मरियम्मा का बेटा, बहू और पौत्र पिछले महीने इटली से लौटे थे, जिनके संपर्क में आकर वे कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे।
न्यायालय ने सीमा खोलने के आदेश के खिलाफ कर्नाटक की अपील पर केन्द्र और केरल से मांगा जवाब
उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस महामारी के बीच आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये सीमाएं खोलने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ कर्नाटक की अपील पर शुक्रवार को केन्द्र और केरल सरकार से जवाब मांगा। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कर्नाटक की अपील पर वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से सुनवाई के दौरान केरल से मौखिक ही कहा कि वह सीमा खोलने के मुद्दे को सात अप्रैल तक तूल नहीं दें।
न्यायालय इस मामले में सात अप्रैल को आगे सुनवाई करेगा। पीठ ने केरल और कर्नाटक के मुख्य सचिवों से कहा कि वे इस समस्या का सर्वमान्य समाधान खोजने के लिये केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव के साथ बैठक करें और स्वास्थ्य संबंधी आपात मामले में एक मानक बनाये रखने के बारे में निर्णय करें। पीठ ने टिप्पणी की कि मौजूदा हालात में अविवेकपूर्ण तरीके से सीमाएं नहीं खोली जा सकती है। कर्नाटक के महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवाद्गी ने कहा कि केरल उच्च न्यायालय का एक अप्रैल का आदेश बगैर किसी अधिकार क्षेत्र के पारित किया गया है जिसे निरस्त किया जाना चाहिए।
कर्नाटक सरकार ने अधिवक्ता शुभ्रांशु पाधी के माध्यम से दायर अपील में कहा है कि दोनों राज्यों के बीच सड़क मार्ग बंद करने का यह मसला सीमावर्ती जिलों से कोरोना वायरस को फैलने से रोकने से जुड़ा हुआ है। याचिका में कहा गया है, ‘‘कर्नाटक ने विशेष रूप से मैसूर-विराजपेट-कन्नूर राजमार्ग पर मकुट्टा चेकपोस्ट बंद की है।
हालांकि उच्च न्यायालय ने केन्द्र सरकार को इसमे हस्तक्षेप करने और इस मार्ग की बंदी खत्म करने का निर्देश दिया है।’’ केरल उच्च न्यायालय ने कासरगोड से 15 किलोमीटर दूर मेंगलोर के अस्पतालों में गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों की एम्बुलेंस को कथित रूप से इन सीमाओं से जाने की अनुमति नहीं मिलने की वजह से कम से कम सात मरीजों की मृत्यु होने की खबरों के आधार पर यह निर्देश दिया था।