कोरोना वायरस संकट: छुट्टी पर गांव आया सीआरपीएफ अधिकारी अपने पैसों से गरीबों को करा रहा भोजन

By भाषा | Updated: April 15, 2020 15:56 IST2020-04-15T15:53:00+5:302020-04-15T15:56:41+5:30

सीआरपीएफ अधिकारी दास (48) की यूनिट दक्षिण कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित शोपियां जिले में तैनात है. फिलहाल वह छुट्टी पर अपने घर गए हुए थे और लॉकडाउन की वजह से अभी गांव में ही रह रहे हैं.

Corona Virus Crisis: CRPF officer came to village on holiday, giving food to poor people with his own money | कोरोना वायरस संकट: छुट्टी पर गांव आया सीआरपीएफ अधिकारी अपने पैसों से गरीबों को करा रहा भोजन

लोकमत फाइल फोटो

Highlightsसीआरपीएफ को उनके यूनिट ने कहा है कि वह फिलहाल घर पर ही रहें और वापस ना लौटेंसीआरपीएफ ASI पद्मेश्वर दास की प्रशंसा 76 वीं बटालियन के उनके कमांडेंट नीरज पांडे ने भी की है.

सीआरपीएफ के एएसआई पद्मेश्वर दास इन दिनों असम में अपने घर में हैं। लेकिन वह अपने पैसों से खाने के पैकेट तैयार कर गांव के गरीबों को उपलब्ध करा रहे हैं जो कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।वह अपने छोटे से गांव चतनगुरी में लॉकडाउन से प्रभावित लोगों की मदद कर रहे हैं। उनका गांव जिला मुख्यालय मोरीगांव जिले से करीब 76 किलोमीटर दूर है। लोगों की परेशानियों से व्यथित दास ने संभावित मदद के संबंध में अपनी मां और पत्नी के साथ चर्चा की तथा दोनों उत्साहपूर्वक इस प्रयास में शामिल हो गए।

दास ने अपने गांव से फोन पर पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘मैं तीन मार्च को छुट्टियों पर गांव आया था और जब मैं वापस लौटने वाला था, तब तक लॉकडाउन घोषित हो चुका था। कश्मीर घाटी में तैनात मेरी यूनिट ने भी एक संदेश भेजा, जिसमें मुझे घर में ही रहने और वापस नहीं आने के लिए कहा गया था।’’

दास ने कहा, ‘‘अगर मैं अपने बल के साथ होता, तो मैं अपने सहयोगियों और अधिकारियों के साथ जरूरतमंदों की मदद कर रहा होता। फिर मैंने सोचा कि मैं अकेले ही कुछ कर सकता हूं।" उन्होंने कहा, ‘‘मेरे बल का ध्येय वाक्य 'सेवा और निष्ठा’ है, चाहे जवान अकेला हो या समूह में हो।’’

1991 में सीआरपीएफ में एक कांस्टेबल के रूप में शामिल हुए सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) ने कहा कि वह अपनी स्कूटी से नजदीकी बाजार गए और करीब 80 किलोग्राम चावल और राशन का अन्य सामान लेकर आए। अगले दिन, उन्होंने और उनके परिवार ने 50 से अधिक पैकेट तैयार किए, जिनमें से प्रत्येक में चावल, आलू, सरसों का तेल, नमक आदि था। दास ने झिझकते हुए कहा, "मैंने इन वस्तुओं को खरीदने और पैक करने के लिए लगभग 8,000-10,000 रुपये खर्च किए। वह इस काम पर आए खर्च के बारे में बताने के लिए उत्सुक नहीं थे।

दास के अधिकारी और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 76 वीं बटालियन के कमांडेंट नीरज पांडे ने अपने समर्पित सहयोगी की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘ मुझे इस बात पर गर्व है कि आधिकारिक अवकाश पर होने के बावजूद दास ने लोगों की मदद की।’’ 

Web Title: Corona Virus Crisis: CRPF officer came to village on holiday, giving food to poor people with his own money

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे