Corona Update: दिल्ली के सीरो प्रीवलेंस अध्ययन में 23.48 प्रतिशत लोगों के कोरोना संक्रमण से प्रभावित होने का चला पता
By भाषा | Updated: July 22, 2020 05:53 IST2020-07-22T05:53:10+5:302020-07-22T05:53:10+5:30
सीरो-प्रीवलेंस अध्ययनों में सीरोलॉजी (ब्लड सीरम) जांच का इस्तेमाल कर किसी आबादी या समुदाय में ऐसे लोगों की पहचान की जाती है, जिनमें किसी संक्रामक रोग के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हो जाती हैं।

कोरोना वायरस (फाइल फोटो)
नयी दिल्ली: दिल्ली के सीरो-प्रीवलेंस अध्ययन में पाया गया है कि शहर के 23.48 प्रतिशत लोग कोविड-19 से प्रभावित हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार ने कहा कि शेष 77 प्रतिशत लोगों के लिए अब भी विषाणुजनित बीमारी का जोखिम है और रोकथाम के उपाय समान कठोरता के साथ जारी रहने चाहिए।
सीरो-प्रीवलेंस अध्ययनों में सीरोलॉजी (ब्लड सीरम) जांच का इस्तेमाल कर किसी आबादी या समुदाय में ऐसे लोगों की पहचान की जाती है, जिनमें किसी संक्रामक रोग के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हो जाती हैं। एनसीडीसी द्वारा दिल्ली सरकार के सहयोग से 27 जून से 10 जुलाई तक के बीच किया गया अध्ययन यह भी दिखाता है कि बड़ी संख्या में संक्रमित व्यक्तियों में लक्षण नहीं थे।
इस रिसर्च के लिए दिल्ली में लिए गए 21387 नमूने-
इस अध्ययन में 21,387 नमूने शामिल किए गए। इसमें पता चला कि राष्ट्रीय राजधानी के 11 जिलों में से आठ में 20 प्रतिशत आबादी के शरीर में कोविड-19 से लड़ने वाली एंटीबॉडी थीं और बड़ी संख्या में लोगों में बीमारी के कोई लक्षण नहीं दिखे।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सीरो-प्रीवलेंस अध्ययन के परिणाम दिखाते हैं कि औसतन, पूरी दिल्ली में आईजीजी एंटीबॉडी की मौजूदगी 23.48 प्रतिशत है। यह अध्ययन यह भी दिखाता है कि कई संक्रमित लोगों में संक्रमण के लक्षण नहीं थे।” इसने कहा, “इसका अर्थ है कि वैश्विक महामारी के करीब छह माह के प्रसार के दौरान, दिल्ली में केवल 23.48 प्रतिशत लोग ही प्रभावित हुए जबकि शहर में घनी आबादी वाले कई इलाके हैं।”
संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन व नियंत्रण एवं निगरानी के उपाय किए जा रहे हैं-
मंत्रालय ने इसका श्रेय संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन, नियंत्रण एवं निगरानी के उपाय, संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने समेत सरकार द्वारा किए गए अन्य प्रयासों तथा कोविड के संदर्भ में नागरिकों के उचित व्यवहार को दिया। मंत्रालय ने कहा कि शारीरिक दूरी, फेस मास्क या कवर का इस्तेमाल, हाथों की स्वच्छता, खांसी करने की तमीज और भीड़-भाड़ वाली जगह से बचने जैसे कदमों का सख्ती से पालन करना होगा।
दिल्ली के सभी 11 जिलों के लिए सर्वेक्षण टीमें गठित की गई थीं। चयनित व्यक्तियों से उनकी लिखित सहमति लेने के बाद रक्त के नमूने लिए गए और उनके सीरम में आईजीजी एंटीबॉडी तथा संक्रमण की जांच की गई। इसके लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा स्वीकृत कोविड कवच एलिसा का इस्तेमाल किया गया।
दक्षिण-पूर्वी जिले में सीरो उपलब्धता 22.12 प्रतिशत, शाहदरा में 27.61 प्रतिशत-
राजधानी के दक्षिण-पूर्वी जिले में सीरो उपलब्धता 22.12 प्रतिशत, शाहदरा में 27.61, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में 23.31, नयी दिल्ली में 22.87, मध्य दिल्ली में 27.86, दक्षिण-पश्चिमी जिले में 12.95, उत्तर-पूर्वी जिले में 27.7, पूर्वी दिल्ली में 23.9, उत्तरी दिल्ली में 25.26, दक्षिणी दिल्ली में 18.61 और पश्चिमी दिल्ली में सीरो उपलब्धता 19.13 प्रतिशत पाई गई।
नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कहा, ‘‘क्योंकि एंटीबॉडीज बनने में लगभग 14 दिन लगते हैं, इसलिए अध्ययन दिल्ली की जून के तीसरे सप्ताह (महीने के 18वें और 19वें दिन) की तस्वीर दिखाता है जब संक्रमण के मामले तेज गति से बढ़ रहे थे।’’
दिल्ली में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,349 नए मामले सामने आए जिससे शहर में कुल मामलों की संख्या 1.25 लाख से अधिक हो गई। राजधानी में महामारी की वजह से 3,690 लोगों की मौत हुई है।