कोरोना टेस्ट हुआ ‘ऑन-डिमांड’: टेस्ट के लिए डॉक्टर के पर्चे की जरूरत नहीं, गर्भवती महिलाओं को अस्पताल टेस्ट सुविधा होने पर नहीं करेंगे रेफर
By एसके गुप्ता | Updated: September 5, 2020 22:04 IST2020-09-05T18:54:33+5:302020-09-05T22:04:28+5:30
आईसीएमआर ने अन्य देशों और देश के विभिन्न राज्यों में प्रवेश के दौरान कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट को अनिवार्य होने के मद्देनजर लोगों की मांग के अनुरूप जांच कराने का सुझाव राज्य सरकारों को दिया है।

आईसीएमआर ने कहा कि आरटी-पीसीआर/ट्रूनेट/सीबीनैट की एक ही जांच संक्रमण की पुष्टि के लिए होनी चाहिए
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना टेस्ट के लिए नई एडवाइजरी जारी की है। इसमें कोई भी व्यक्ति संदेह होने या यात्रा के दौरान ‘ऑन-डिमांड’ टेस्ट करवा सकता है। टेस्ट के लिए किसी चिकित्सकीय सिफारिश की अनिवार्यता को नए दिशा-निर्देशों में खत्म किया गया है। पहले कोरोना संक्रमण की जांच के लिए डॉक्टर के प्रेसक्पिशन की अनिवार्यता थी। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को कोविड जांच सुविधा न होने पर दूसरे अस्पताल में रेफर नहीं किया जाए। परीक्षण सुविधाओं के लिए सभी नमूने एकत्र करने और उन्हें हस्तांतरित करने की सभी व्यवस्थाएं की जानी चाहिए। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने राज्यों को नए परामर्श में अपनी स्वेच्छानुसार संशोधन कर इसे लागू करने की अनुमित दी है।
आईसीएमआर ने अन्य देशों और देश के विभिन्न राज्यों में प्रवेश के दौरान कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट को अनिवार्य होने के मद्देनजर लोगों की मांग के अनुरूप जांच कराने का सुझाव राज्य सरकारों को दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इसके पीछे तर्क दिया गया है कि देश में लगातार दो दिनों में हर दिन 11.70 लाख कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं। ऐसा करने वाला भारत एकमात्र देश है। टेस्टिंग क्षमता बढ़ने के तहत लोगों को यह सुविधा दी जा रही है कि वह ऑन डिमांड टेस्ट करवा सकें।
आईसीएमआर ने कहा कि आरटी-पीसीआर/ट्रूनेट/सीबीनैट की एक ही जांच संक्रमण की पुष्टि के लिए होनी चाहिए, कोविड-19 मरीज देखभाल केंद्र और अस्पताल से छुट्टी दिए जाने के बाद दोबारा जांच की जरूरत नहीं है। आईसीएमआर के मुताबिक रैपिड एंटीजन जांच की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद लक्षण सामने आते हैं तो दोबारा रैपिड एंटीजन जांच या आरटी-पीसीआर जांच की जानी चाहिए।
आईसीएमआर ने शुक्रवार को 'भारत में कोविड-19 जांच रणनीति परामर्श (चौथा संस्करण) जारी किया। इसमें कहा गया है कि राज्य मांग के अनुरूप जांच और नियम कायदों में बदलाव कर सकते हैं। इसमें यह भी सलाह दी गई है कि कंटेनमेंट जोन में रह रहे 100 प्रतिशत लोगों की रैपिड एंटीजन जांच की जानी चाहिए। खासतौर पर उन शहरों में जहां बड़े पैमाने पर संक्रमण फैला है। जांच के आभाव में आपात सेवा में देरी नहीं जानी चाहिए।
कोविड-19 के परीक्षण में पॉजिटिव पाई जाने वाली माताओं को 14 दिनों के लिए अपने बच्चे को संभालने के दौरान मास्क पहनने और लगातार हाथ धोते रहने की सलाह दी गई है। ऐसी माताओं को अपने नवजात शिशुओं को स्तनपान कराने से पहले अपने स्तन की सफाई पर भी ध्यान देना है। इससे नवजात शिशुओं में कोविड-19 संक्रमण फैलने की संभावना कम होगी। इसके अलावा बाल रोग चिकित्सक की सलाह पर उपचार व दवाएं दी जाएंगी।