लाइव न्यूज़ :

कोरोना लॉकडाउन: कश्मीर घाटी में पहली बार शब-ए-बारात पर सामूहिक नमाज और दुआ नहीं हुई

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: April 8, 2020 20:58 IST

जम्मू कश्मीर में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 33 और मामले सामने आये और किसी एक दिन में हुई सर्वाधिक वृद्धि है। इसके साथ ही, इस केंद्र शासित प्रदेश में कोविड-19 के कुल मामले बढ़ कर 158 हो गये। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

Open in App
ठळक मुद्देशब-ए-बारात के मौके पर कहीं भी सामूहिक नमाज और दुआ नहीं हुई है।जम्मू कश्मीर में कोरोना वायरस संक्रमण के 33 मामले सामने आये

जम्मू: कश्मीर घाटी में पहली बार शब-ए-बारात के मौके पर कहीं भी सामूहिक नमाज और दुआ नहीं हुई है। ऐसा कोरोना वायरस के कारण हुआ है। इससे पहले ही जुम्मे की नमाज भी नहीं हुई थी क्योंकि प्रदेश शासन ने सख्त आदेश दिए थे।

जम्मू कश्मीर में पहले ही सभी इस्लामिक संगठनों ने मस्जिदों, खानकाहों, जियारतगाहों और ईदगाहों मे सामूहिक नमाज, मजहबी समागमों पर रोक लगाते हुए लोगों से आग्रह किया था कि वे अपने घरों में ही नमाज अदा करें। मस्जिदों में सिर्फ मुअज्जिन ही अजान के लिए आए। बीते दिनों जम्मू कश्मीर में कहीं भी शब-ए-मेराज के मौके पर कोई सामूहिक नमाज या दुआ नहीं हुई। सभी श्रद्धालुओं ने अपने घरों में रहकर ही इबादत की थी।

कश्मीर में शब-ए-बारात के मौके पर श्रीनगर के डाउन-टाउन में स्थित ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में ही प्रमुख नमाज होती है। जामिया में शब-ए-बारात के मौके पर 40 हजार के करीब नमाजी जमा होते हैं। इसके हजरतबल में करीब 35-40 हजार श्रद्धालु पूरी रात मौजूद रहते हैं। अन्य दरगाहों, खानकाहों और मस्जिदों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है।

और इस बार कश्मीर घाटी में पहली बार शब-ए-बारात के मौके पर कहीं भी सामूहिक नमाज और दुआ नहीं हुई। प्रशासन ने लोगों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए सभी धार्मिक समागमों और लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी थी। सबसे बड़ी बात है कि लोग भी इस खतरे को समझते हुए घरों में ही पर्व की खुशियां मना रहे हैं। हालांकि प्रशासन ने आज घाटी में सुरक्षा प्रबंधों को और कड़ा कर दिया था। घाटी में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने घरों में ही शब-ए-बारात के मौके पर खुदा की इबादत कर पूरी दुनिया को इस महामारी से निजात दिलाने की दुआ की।

शब-ए-बारात मुस्लिम समुदाय के लिए बहुत अहम है। शब का मतलब रात और बारात का मतलब बरी होना होता है। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक यह रात साल में एक बार शाबान महीने की 14 तारीख को सूर्यास्त के बाद शुरू होती है। मुसलमानों के लिए यह रात बेहद फज़ीलत (महिमा) की रात मानी जाती है। इस दिन विश्व के सारे मुसलमान अल्लाह की इबादत करते हैं। वे दुआएं मांगते हैं और अपने गुनाहों की तौबा करते हैं। इस बार शब-ए-बारात आज रात को है।

अलबता, इस बार हालात को देखते हुए प्रशासन ने सभी जिला उपायुक्तों को अपने अपने कार्याधिकार क्षेत्र में शब-ए-बारात के मौके पर किसी को भी मस्जिदों में जमा न होने की पहले से ही हिदायत दे रखी थी। यही वजह थी कि आज सुबह से ही अधिकतर इलाकों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध थे। लोगों को न तो सड़कों पर उतरने की इजाजत दी गई और न ही एक जगह इकट्ठे होने की। यह सब इसी लिए था ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को और आगे बढ़ने से रोका जा सके।

टॅग्स :कोरोना वायरसकोरोना वायरस लॉकडाउनजम्मू कश्मीर
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

क्रिकेटवैभव सूर्यवंशी की टीम बिहार को हैदराबाद ने 7 विकेट से हराया, कप्तान सुयश प्रभुदेसाई ने खेली 28 गेंदों में 51 रन की पारी, जम्मू-कश्मीर को 7 विकेट से करारी शिकस्त

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतJammu-Kashmir Power Shortage: सर्दी बढ़ने के साथ कश्मीर में गहराया बिजली सकंट, करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी से परेशान लोग

भारतJammu-Kashmir: कश्मीर के मोर्चे से खुशखबरी, आतंकी हिंसा में गिरावट पर आतंक और दहशत में नहीं

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट