Corona lockdown: राजस्थान सरकार का अहम फैसला, राज्य के भीतर दिन में आवागमन के लिए अब पास की जरूरत नहीं
By भाषा | Updated: May 11, 2020 14:16 IST2020-05-11T14:16:11+5:302020-05-11T14:16:11+5:30
राजस्थान सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए राज्य के भीतर ही आवागमन को सुगम बनाते हुए पास की अनिवार्यता को रद्द कर दिया है। यानी की दूसरे जिले मे जाने के लिए पास बनाने के लिए जरुरत नहीं है।

राज्य के भीतर दिन में आवागमन के लिए अब पास की जरूरत नहीं (फाइल फोटो)
जयपुर: राजस्थान सरकार ने राज्य के भीतर ही आवागमन को सुगम बनाते हुए पास की अनिवार्यता को रद्द कर दिया है। अब राज्य में दिन में अंतर जिला एवं किसी जिले के अंदर अनुमत गतिविधियों हेतु आवागमन के लिए किसी पास की आवश्यकता नहीं होगी। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लॉकडाउन के दौरान लोगों को पास जारी करने की व्यवस्था को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए नये दिशा-निर्देश दिए हैं।
उन्होंने बताया कि नई व्यवस्था में अंतर जिला एंव जिले के अंदर जिन गतिविधियों की अनमुति है उनके संबंध में आवागमन के लिए किसी पास की आवश्यकता नहीं होगी। लेकिन यह छूट सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक ही होगी और कर्फ्यू वाले क्षेत्रों में यह छूट नहीं मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य में 22 मार्च से लॉकडाउन है और उसके बाद पहली बार इस तरह की ढील दी गयी है। प्रवक्ता के अनुसार दूसरे राज्यों में स्वयं के वाहनों से जाने वाले लोगों को जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, उपखण्ड अधिकारी, पुलिस उप अधीक्षक, तहसीलदार, आरटीओ, डीटीओ, एसएचओ पास जारी कर सकेंगे।
साथ ही, जिला उद्योग अधिकारी, एसई माइनिंग, महाप्रबंधक डीआईसी, रीको के जिला स्तरीय अधिकारी एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारी अपने विभाग से जुड़ी गतिविधियों के लिए पास जारी कर सकेंगे। इन सभी अधिकारियों को जारी किए गए पासों की जानकारी प्रतिदिन जिला कलक्टर को देनी होगी। दूसरे राज्यों में बस एवं ट्रेन से यात्रा के लिए जिला कलक्टर पास जारी कर सकेंगे। वहीं कर्फ्यू वाले इलाकों के लिए केवल जिला कलक्टर ही पास जारी कर सकेंगे। अन्य प्रदेशों से राजस्थान आने वालों के लिए संबंधित राज्य द्वारा जारी पास मान्य होगा।
यदि वह राज्य राजस्थान की अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी) मांगता है तो संबंधित जिला कलक्टर एनओसी जारी कर सकेंगे। दूसरे राज्यों से राजस्थान आने वाले लोगों के लिए 14 दिन पृथक-वास में रहना अनिवार्य होगा।