कोरोना महामारी 99 फ़ीसदी भारतीयों के लिये जानलेवा नहीं, डर के माहौल से बाहर निकलें: राहुल गांधी

By शीलेष शर्मा | Updated: May 8, 2020 17:42 IST2020-05-08T17:42:25+5:302020-05-08T17:42:25+5:30

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने ज़ोर देते हुए कहा कि केंद्र को चाहिये कि तुरंत लोगों के खातों में नक़दी डाले ,न्याय योजना का मॉडल हम सरकार को दे चुके हैं

Corona epidemic 99 percent not fatal for Indians, get out of fearSays Rahul Gandhi | कोरोना महामारी 99 फ़ीसदी भारतीयों के लिये जानलेवा नहीं, डर के माहौल से बाहर निकलें: राहुल गांधी

कोरोना महामारी 99 फ़ीसदी भारतीयों के लिये जानलेवा नहीं, डर के माहौल से बाहर निकलें: राहुल गांधी

Highlightsदेश के 13 करोड़ लोगों को 7500 रुपये दिये जायें यदि संभव न हो तो कम से कम 5000 रुपये तो उनको तुरंत मिलने ही चाहिए।कोरोना से जीतने के लिये जरूरी है कि प्रधानमंत्री मोदी केंद्रीयकृत रास्ते की जगह विकेन्द्रीयकरण का रास्ता अपनायें।

नयी दिल्ली: कोरोना महामारी देश के 99 फ़ीसदी लोगों के लिये जानलेवा नहीं है ,इस बीमारी को लेकर लोगों के मन में एक डर बैठा हुआ है ,हम को उस डर को निकालना होगा। यह सही है कि एक अथवा दो फ़ीसदी उन लोगों के लिये यह बीमारी जरूर जानलेवा है जो पहले से डायबिटीज़, उच्च रक्तचाप अथवा ऐसी किसी घातक बीमारी से पीड़ित हैं। यह बात आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने मीडिया से वीडिओ प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कही। 

राहुल ने दावा किया कि देश में हालातों को सामान्य करने के लिये इस डर के माहौल से बाहर निकलना ही होगा ,सरकार को चाहिये कि वह बिना यह सोचे कि कौन भाजपा से है, कौन कांग्रेस से अथवा अन्य किसी दल से ,सभी के सहयोग से इस भय के वातावरण को समाप्त करे ताकि देश और उसकी अर्थ व्यबस्था पटरी पर लौट सके। उन्होंने मीडिया से कहा कि वह डर का माहौल समाप्त करने में सकारात्मक भूमिका निभाये न कि सनसनी फ़ैला कर डर का माहौल पैदा करे। 

कोरोना से जीतने के लिये जरूरी है कि प्रधानमंत्री मोदी केंद्रीयकृत रास्ते की जगह विकेन्द्रीयकरण का रास्ता अपनायें ,क्योंकि ज़मीन पर नीतियों को उतारने के लिये जो ज़मीनी हक़ीक़त की जानकारी डीएम और मुख्यमंत्री के पास है वह केंद्र में नीति निर्धारण करने वालों के पास न तो है और न हो सकती है। पंजाब का उदाहरण देते हुये राहुल ने कहा कि जो इलाका रेड ज़ोन होना चाहिये था केंद्र ने उसे ऑरेंज घोषित कर दिया ,जो ऑरेंज होना था उसे ग्रीन बता दिया ,बिना यह सोचे कि ज़मीन पर मुख्यमंत्री और डीएम इससे रूबरू हो रहे हैं। 

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने ज़ोर देते हुए कहा कि केंद्र को चाहिये कि तुरंत लोगों के खातों में नक़दी डाले ,न्याय योजना का मॉडल हम सरकार को दे चुके हैं, वह उसे कोई भी नाम दे लेकिन लोगों को नक़दी मिलनी चाहिये। देश के 13 करोड़ लोगों को 7500 रुपये दिये जायें यदि संभव न हो तो कम से कम 5000 रुपये तो उनको तुरंत मिलने ही चाहिए ,यह रकम महज़ 65 हज़ार करोड़ है जो मुश्किल नहीं। 

रोज़गार और अर्थ व्यबस्था के लिए एमएसएमई तथा बड़े उद्द्योगों को तत्काल आर्थिक सहयोग और क्रेडिट सुविधा देने की वकालत करते हुये राहुल ने सप्लाई चेन फिर से शुरू करने पर ज़ोर दिया। खाद्य सुरक्षा ,मनरेगा ,किसानों के खातों में 10 हज़ार की रकम डालने की बात दुहराते हुए राहुल ने ज़ोर देकर कहा कि प्रवासी मज़दूरों को ज़बरन रोकना गलत है ,यदि वह अपने घरों को लौटना चाहते है तो उनको अनुमति मिलनी चाहिये। विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिये बसूले जा रहे किराये की राहुल ने आलोचना की और सभी भारतीयों से समान व्यबहार करने की सलाह दी। 

Web Title: Corona epidemic 99 percent not fatal for Indians, get out of fearSays Rahul Gandhi

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