इंटरनेट पर बिक रही है एक लाख से अधिक भारतीयों के आधार और पासपोर्ट की जानकारी, पैन कार्ड की स्कैन कॉपी भी है उपलब्ध
By भाषा | Updated: June 3, 2020 19:09 IST2020-06-03T19:09:05+5:302020-06-03T19:09:05+5:30
साइबर सुरक्षा से जुड़ी जानकारी देने वाली कंपनी साइबल ने खुलासा किया है कि एक लाख से अधिक भारतीयों के आधार, पैन और पासपोर्ट की स्कैन कॉपियां ‘डार्क नेट’ पर बिक्री के लिए उपलब्ध है।

इंटरनेट पर एक लाख से अधिक भारतीयों के आधार और पासपोर्ट की जानकारी बिक रही है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली। एक लाख से अधिक भारतीयों के आधार, पैन और पासपोर्ट समेत अन्य राष्ट्रीय पहचान पत्रों की ‘स्कैन’ प्रतियां ‘डार्क नेट’ पर बिक्री के लिए उपलब्ध करायी गयी हैं। साइबर सुरक्षा से जुड़ी जानकारी देने वाली कंपनी साइबल ने बुधवार को यह जानकारी दी।
‘डार्क नेट’ इंटरनेट का वह हिस्सा होता है जो सामान्य सर्च इंजन की पहुंच से दूर होता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है। आमतौर पर तस्करी, आंतकवाद और अन्य अवैध कामों के लिए इस नेट का उपयोग किया जाता है। कई बार संवेदनशील जानकारियां साझा करने के लिए भी इसका प्रयोग होता है। साइबल की रपट के मुताबिक यह डाटा सरकारी प्रणाली के बजाय किसी तीसरे पक्ष से चोरी होने की आशंका है।
साइबल ने कहा, ‘‘हम एक ऐसे डार्कनेट उपयोक्ता के संपर्क में आए हैं जो एक लाख से अधिक भारतीयों के राष्ट्रीय पहचान से जुड़े दस्तावेजों की बिक्री कर रहा है। इस उपयोक्ता की कोई साख नहीं है और आम तौर पर हम ऐसे प्रस्तावों को दरकिनार कर देते हैं, लेकिन उसके द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी से हमें उत्सुकता हुई। उसने भारत के अलग-अलग हिस्सों के एक लाख से अधिक लोगों के पहचान दस्तावेजों तक कथित पहुंच का दावा किया है।’’
साइबल के शोधार्थियों ने उस उपयोक्ता से करीब 1,000 पहचान दस्तावेज हासिल कर उनके भारतीय होने की पुष्टि की है। यह सभी दस्तावेज स्कैन कॉपी के रूप में हैं। इनके किसी कंपनी के ‘अपने ग्राहक को जानो’ डेटाबेस से चोरी होने की संभावना है।