ठाणे, 12 नवंबर उपभोक्ता आयोग ने महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक बिल्डर को फ्लैट का कब्जा देने में देरी के लिए घर खरीदने वाले एक दंपति को एक लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है।
आयोग के पीठासीन अधिकारी एस जेड पवार और सदस्य पूनम वी महर्षि ने मेसर्स विमल इंटरप्राइजेज के खिलाफ टिटवाला के एक दंपति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर हाल में यह आदेश दिया।
शिकायत के अनुसार, घाटकोपर के बिल्डर ने टिटवाला में विनायक क्रुप्रा नाम से एक परियोजना शुरु की थी, जिसमें शिकायतकर्ताओं ने मई 2011 में एक फ्लैट बुक कराया था।
आयोग को बताया गया कि शिकायतकर्ताओं ने पंजीकरण प्रक्रिया पूरी कर फ्लैट के लिए बैंक लोन ले लिया था। बिल्डर ने दिसंबर, 2013 में फ्लैट सौंपने का वादा किया था।
हालांकि, फ्लैट के लिए पूरा भुगतान करने के बावजूद शिकायतकर्ताओं को वादा की गई तारीख तक फ्लैट नहीं मिला और इसे जनवरी, 2015 तक नहीं दिया गया।
शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि बिल्डर ने देरी के लिए हर्जाना नहीं दिया और समझौते में निर्दिष्ट सुविधाएं भी प्रदान नहीं की।
आयोग ने अपने आदेश में कहा कि बिल्डर की सेवा में कमी थी और उसने अनुचित व्यापार तरीके को अपनाया।
इसके अलावा, आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि बिल्डर 5,000 रुपये ब्याज के साथ वापस करे, जो उसने शिकायतकर्ता से एक जनवरी, 2015 को लिया था और मुकदमेबाजी के खर्चों के लिए अतिरिक्त 10,000 रुपये का भुगतान करने को कहा गया।
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