महाराष्ट्र में नदियों के डूब क्षेत्रों में निर्माण एक सच्चाई है, सरकार को फैसला लेना होगा: पवार

By भाषा | Updated: July 28, 2021 00:33 IST2021-07-28T00:33:45+5:302021-07-28T00:33:45+5:30

Construction in submerged areas of rivers in Maharashtra is a fact, government will have to take a decision: Pawar | महाराष्ट्र में नदियों के डूब क्षेत्रों में निर्माण एक सच्चाई है, सरकार को फैसला लेना होगा: पवार

महाराष्ट्र में नदियों के डूब क्षेत्रों में निर्माण एक सच्चाई है, सरकार को फैसला लेना होगा: पवार

मुंबई, 27 जुलाई महाराष्ट्र में कई इलाकों में बाढ़ के संभावित कारणों को लेकर चल रही बहस के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि राज्य में ज्यादातर नदियों के डूब क्षेत्रों में विभिन्न ढांचों का निर्माण किया गया है और उम्मीद है कि राज्य सरकार इस पर नीतिगत फैसला करेगी।

राज्य सरकार के अनुसार, पिछले सप्ताह भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र के बड़े हिस्से में, विशेष रूप से तटीय कोंकण और पश्चिमी महाराष्ट्र क्षेत्रों में भारी बाढ़ और भूस्खलन हुआ जिसमें मंगलवार तक 207 लोगों की मौत हो चुकी है।

पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘तथ्य यह है कि महाराष्ट्र में अधिकांश नदियों के डूब क्षेत्रों में विभिन्न निर्माण किए जाते हैं। राज्य सरकार को इसके बारे में कुछ निर्णय लेना होगा’’

डूब क्षेत्र अथवा बाढ़ रेखा एक सांकेतिक रेखा है जो एक नदी के संभावित अधिकतम डूब क्षेत्र को दर्शाती है।

पवार ने कहा कि पेड़ों की कटाई भारी बारिश के कारण गांवों के जलमग्न होने का एक कारण है। पर्यावरण पर मनुष्यों द्वारा अतिक्रमण और इसके प्रभाव से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए, पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, “पेड़ों की (बड़े पैमाने पर) कटाई भी ऐसी प्राकृतिक आपदाओं का एक कारण है। पेड़ों के अभाव में अब पानी सीधे पहाड़ों की तलहटी की ओर बहता है और वहां स्थित गांवों को भारी कीमत चुकानी पड़ती है। राज्य को इसके बारे में सोचना होगा।’’

पवार ने कहा कि पिछले 100 वर्षों में जबरदस्त बारिश हाल में कोयना (बांध) के निकट दर्ज की गई। यह पूछे जाने पर कि क्या महाराष्ट्र सरकार बाढ़ के पानी को गांवों और कस्बों में घुसने से रोकने के लिए नदी के किनारे तटबंधों के निर्माण पर विचार कर रही है, पवार ने कहा, “मेरी जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने इस संबंध में एक बैठक की अध्यक्षता की है कि क्या कुछ गांवों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा सकता है। लेकिन ऐसी नीतियों को सीमित सफलता मिली है क्योंकि लोग दूर के स्थानों पर स्थानांतरित होने के लिए अनिच्छुक हैं।’’

इस बीच शरद पवार के भतीजे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार को इस तर्क को खारिज कर दिया था कि पश्चिमी महाराष्ट्र में मौजूदा बाढ़ की स्थिति ‘‘मानव निर्मित’’ संकट हो सकती है।

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Web Title: Construction in submerged areas of rivers in Maharashtra is a fact, government will have to take a decision: Pawar

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