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‘राजनीतिक अस्थिरता’ पैदा करने के लिए सोची-समझी रणनीति के तहत हो रही है साजिश: मोदी

By भाषा | Updated: April 6, 2021 15:58 IST

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नयी दिल्ली, छह अप्रैल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को विपक्षी दलों पर देश में ‘‘राजनीतिक अस्थिरता’’ पैदा करने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ एक सोची-समझी रणनीति के तहत ‘‘भ्रम व अफवाहें’’ फैलाने की साजिश रचने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसे प्रयासों से देश को लंबे समय तक नुकसान पहुंचेगा।

भाजपा के 41वें स्थापना दिवस के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की जमीन छिन जाने, आरक्षण समाप्त करने, नागरिकता खत्म करने जैसे ‘‘काल्पनिक भय’’ दिखाकर कुछ दल और संगठन लोगों को भ्रमित करते रहते हैं।

इसे एक ‘‘गंभीर चुनौती’’ बताते हुए उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे जनता के बीच जाकर इन साजिशों का पर्दाफाश करने को लेकर जागरूकता अभियान चलाएं।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर भाजपा को चुनाव जीतने की मशीन बताने वालों को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि भगवा दल देशवासियों का दिल जीतने वाला अविरल व अनवरत अभियान है और भाजपा की सरकारों का मतलब राष्ट्र निर्माण, सही नीति, साफ नीयत और सटीक निर्णय है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज एक प्रकार का सिलसिला शुरू हुआ है... एक नयी प्रकार की व्यूह रचना सार्वजनिक जीवन में आई है। आज गलत विमर्श बनाए जाते हैं। कभी सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) को लेकर, कभी कृषि कानूनों को लेकर तो कभी श्रम कानूनों को लेकर।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इसके पीछे सोची-समझी रणनीति है। यह एक बहुत बड़ा षड्यंत्र है। इसका मकसद है देश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करना। इसलिए देश में तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जाती है, भ्रम फैलाये जाते हैं, झूठ फैलाया जाता है। काल्पनिक मायाजाल खड़ा किया जाता।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कभी कहा जाता है कि संविधान बदल दिया जाएगा, कभी कहा जाता है कि आरक्षण समाप्त कर दिया जाएगा, कभी कहा जाता है नागरिकता छीन ली जाएगी तो कभी कहा जाता है किसानों की जमीन छीन ली जाएगी।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सब ‘‘कोरा झूठ’’ है और कुछ लोगों व संगठनों द्वारा इन्हें तेजी से फैलाया जाता है।

भाजपा कार्यकर्ताओं को ऐसी ताकतों से बहुत अधिक चौकन्ना रहने की अपील करते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें (भाजपा कार्यकर्ताओं को) बहुत जानकारी के साथ देशवासियों के बीच जाते रहना होगा और उन्हें जागरुक करते रहना होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘यह काल्पनिक भय खड़ा करने वाले जो कुछ लोग हैं, उनमें ज्यादातर तो वो हैं जो अपनी पराजय को स्वीकार न कर पाने की वजह से ऐसा करते रहते हैं। कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ की वजह से करते हैं। कुछ लोगों की तो भाजपा से जन्मजात दुश्मनी है इसलिए करते हैं।’’

मोदी ने कहा, ‘‘यह लोग ऐसे कार्य कर रहे हैं जो देश को बहुत लंबे समय तक नुकसान पहुंचाएगा। इसलिए भाजपा के हर कार्यकर्ता को सतर्क रहना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा के संस्कार हैं कि वह हर व्यक्ति तक पहुंचती है और उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ काम करती है।

उन्होंने कहा कि देश में छोटे किसानों की संख्या लगभग 10 करोड़ से भी अधिक है लेकिन पहले की सरकारों के लिए वे कभी प्राथमिकता में नहीं रहे।

उन्होंने कहा, ‘‘बीते वर्षों में हमारी सरकार की कृषि से जुड़ी हर योजना के केंद्र में छोटे किसान रहे। वो चाहे नए कृषि कानून हों, पीएम किसान सम्मान निधि हो या किसान उत्पाद संगठनों की व्यवस्था हो। या फिर फसल बीमा योजना और आपदा के समय ज्यादा मुआवजा सुनिश्चित करना।’’

मोदी ने दावा किया कि कृषि संबंधी सरकार की हर योजना का लाभ देश के छोटे किसानों को हुआ है।

ज्ञात हो कि दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर तीन नये केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ लगभग 180 दिनों से प्रदर्शन चल रहा है।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर केरल और पश्चिम बंगाल में कथित राजनीतिक हत्याओं का मामला भी उठाया और कहा कि ऐसी विषम परिस्थितियों में भाजपा के कार्यकर्ता डटकर मुकाबला करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ता पार्टी के लिए अपना बलिदान दे चुके हैं। सैकड़ों कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया गया है। केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में हमारे कार्यकर्ताओं को धमकी दी जाती है, उन पर हमले होते हैं, उनके परिवार पर हमले होते हैं। लेकिन देश के लिए जीना-मरना और एक विचारधारा को लेकर डटे रहना ही भाजपा कार्यकर्ताओं की विशेषता है।’’

उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ राजनीति में वंशवाद और परिवारवाद को भी 21वीं सदी का भारत देख रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘स्थानीय आकांक्षाओं के सहारे जो स्थानीय पार्टियां खड़ी हुईं, बाद में वो भी एक परिवार की या एक-दो लोगों की पार्टियां बन कर रह गईं। नतीजा सामने है। ऐसी पार्टियों ने जो नकली धर्मनिरपेक्षता का नकाब पहन रखा था, वह भी उतरना शुरू हो गया। धर्मनिरपेक्षता का हमारे यहां मतलब बना दिया गया है कि कुछ ही लोगों के लिए योजनाएं। कुछ ही लोगों के लिए काम, वोट बैंक के हिसाब से नीतियां।’’

मोदी ने दावा किया कि जो सबके लिए योजनाएं बनाता है, जो सबके अधिकार की बात करता है और सबके लिए काम करता है उसे सांप्रदायिक कहा जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र ने आज इन परिभाषाओं को बदलना शुरू कर दिया है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के काल में भाजपा की सरकारों के कामों को देश ने ना सिर्फ महसूस किया बल्कि इसी संकटकाल में देश ने ‘‘नए भारत’’ का खाका खींचा और ‘‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’’ शुरू किया।

उन्होंने कहा कि आज आत्मनिर्भर भारत अभियान गांव, गरीब, किसान, मजदूर, वंचित, शोषित, महिलाओं और युवाओं का अभियान बन गया है।

केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का विस्तार से उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पहले सरकारों के प्रदर्शन का मानदंड उसकी घोषणाओं से होता था लेकिन पिछले कुछ सालों में यह अवधारणा बदली है और अब सरकारों का मूल्यांकन केंद्र की योजनाओं के जमीनी स्तर तक पहुंचने से हो रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘आखिरी पायदान पर खड़े इंसान तक सरकार की योजनाओं को पहुंचाना और हकदार तक उसका हक पहुंचाना हमारी सरकार की विशेषता रही है। यह भाजपा सरकारों के कामकाज का मूल मंत्र रहा है।’’

मोदी ने कहा कि इसके बावजूद भाजपा जब चुनाव जीतती है तो उसे चुनाव जीतने की मशीन कहा जाता है जबकि दूसरे जीतते हैं तो पार्टी और उसके नेताओं की वाहवाही की जाती है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के दो मापदंड हम देख रहे हैं। जो लोग कहते हैं कि भाजपा चुनाव जीतने की मशीन है, वह एक प्रकार से भारत के लोकतंत्र की परिपक्वता, भारत के नागरिकों की सूझबूझ का आकलन ही नहीं कर पाते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि भाजपा चुनाव जीतने की मशीन नहीं, देश और देशवासियों का दिल जीतने वाला अविरल, अनवरत अभियान है। हम पांच साल तक ईमानदारी से जनता की सेवा करते हैं। हर परिस्थिति में हम जनता से जुड़े रहते हैं। जनता के लिए जीते रहते हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा की सरकारों का मतलब राष्ट्र निर्माण के लिए सही नीति, साफ नीयत और सटीक निर्णय है।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा की सरकार का मतलब है राष्ट्र प्रथम। देशहित से समझौता नहीं बल्कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि। भाजपा का मतलब है वंशवाद, परिवारवाद की राजनीति से मुक्ति, भाजपा का मतलब है योग्यता को अवसर, पारदर्शिता और सुशासन। भाजपा का मतलब है सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास।’’

मोदी ने कहा कि आज भाजपा भारत की विविधता में एकता और अनेकता में एकता की प्रतीक बन गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम हर भाषा, क्षेत्र, संप्रदाय और सभी देशवासियों को जोड़कर आगे बढ़ रहे हैं। आज भाजपा से गरीब भी जुड़ा है, मध्यमवर्ग भी हमारे साथ है। हम शहर में भी हैं और गांव में भी हैं। भाजपा आज राष्ट्रीय हित की भी पार्टी है और क्षेत्रीय आकांक्षाओं की भी पार्टी है।’’

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर दीन दयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी और पार्टी की लंबी यात्रा में योगदान के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी को नमन किया।

उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू ओर कश्मीर से अनुच्‍छेद 370 रद्द करके हमने श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने को साकार किया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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