गंगा के संरक्षण से जलवायु परिवर्तन से निपटने, सुंदरवन की जीवंतता में मदद मिलेगी : एनएमसीजी महानिदेशक
By भाषा | Updated: December 31, 2021 16:19 IST2021-12-31T16:19:14+5:302021-12-31T16:19:14+5:30

गंगा के संरक्षण से जलवायु परिवर्तन से निपटने, सुंदरवन की जीवंतता में मदद मिलेगी : एनएमसीजी महानिदेशक
नयी दिल्ली, 31 दिसंबर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने कहा कि गंगा जल के संरक्षण और इसकी निर्मलता सुनिश्चित कर, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से सुरक्षा और सुंदरवन की जीवंतता सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है ।
मिश्रा ने बताया कि मिट्टी के कटाव एवं उसे समुद्र में बहकर जाने से रोकने तथा भूजल को पेयजल एवं सिंचाई योग्य बनाये रखने के लिये हर समय नदी में न्यूनतम पर्यावरण प्रवाह बनाये रखना जरूरी है ।
एनएमसीजी के महानिदेशक ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र का जल स्तर बढ़ने से उर्वर भूमि में खारा जल जा कर उसे प्रभावित कर सकता है । इसके अलावा दुनिया में शुष्क क्षेत्रों में अत्यधिक मात्रा में भूजल के दोहन से मिट्टी और भूजल में खारापन बढ़ता है।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण सुदंरवन क्षेत्र को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है । समुद्र का जल स्तर बढ़ने के कारण द्वीप के क्षेत्र डूब रहे हैं और मिट्टी एवं पानी में खारापन बढ़ने से मैंग्रोव वन क्षेत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है ।
मिश्रा ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा कि मानसून के समय में जब नदियां पूरे प्रवाह में होती हैं तब वे पास के समुद्र में बंगाल की खाड़ी के खारे जल को दूर रखती हैं । लेकिन जब जलस्तर घटता है तब खारा जल मैंग्रोव वन क्षेत्र में प्रवेश करता है और फसलों को नुकसान पहुंचाता है ।
उन्होंने कहा कि इसीलिये नदी में हर समय न्यूनतम पर्यावरण प्रवाह बनाये रखना जरूरी है ताकि मिट्टी के कटाव एवं उसे समुद्र में बहकर जाने से रोका जा सके और भूजल को पेयजल एवं सिंचाई योग्य बनाये रखा जाए।
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