कोरोना महामारी के कारण जिस समय मोदी सरकार चौतरफा दवाब में है कांग्रेस खामोशी से अपनी सूखी जड़ों को सींच कर फिर से हरा करने में लगी है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की प्रवासी भारतीयों को रेल किराया देने की घोषणा भी पार्टी की इसी रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है।
दरअसल कांग्रेस बिना प्रचार किये उन वर्गों के बीच काम कर रही है जो आने वाले समय में उसके मज़बूत वोट बैंक साबित हो सकेंगे। उत्तर प्रदेश में पार्टी ने "यूपी मित्र चैट पोर्टल" शुरू किया है। इस पोर्टल के ज़रिये कांग्रेस लोगों से पूछ रही है कि कांग्रेस उनकी क्या सहायता कर सकती है।
वैल्यू फ़र्स्ट नाम की एजेंसी ने कांग्रेस को यह पोर्टल बिना किसी शुल्क के तैयार कर दिया है। दूसरी तरफ प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में जिलाधिकारियों से उन लोगों के नाम पते मांगे हैं जो रेल किराये का भुगतान कर प्रदेश में अन्य प्रदेशों से लौटे हैं, इसका मकसद ऐसे सभी लोगों को पार्टी की तरफ से किराये का भुगतान करना है जो उस राज्य में पैसा न मिल पाने के कारण अपने किराये से घर वापस आये हैं।
प्रियांका के निर्देश पर समूचे उत्तर प्रदेश में जगह जगह रसोई घर चलाये जा रहे हैं, ग़ाज़ियाबाद, हापुड़, कानपुर, इलाहबाद, लखनऊ, लखीमपुर खीरी जैसे शहर इसके उदाहरण हैं।
इन रसोईघरों के ज़रिये ज़रुरतमंद लोगों को भोजन के साथ-साथ सूखा राशन भी दिया जा रहा है। राजधानी दिल्ली में युवक कांग्रेस यह काम बड़े पैमाने पर कर रही है। सुबह-सुबह युवक कांग्रेस कार्यालय में ट्रकों से सब्जियां उतरते हर रोज़ देखी जा सकती हैं.
युवक कांग्रेस कार्यकर्त्ता समीप के हरियाणा, यूपी के गांवों में जा कर किसानों से सीधे सब्जियां खरीदते हैं और यूथ कांग्रेस कार्यालय ला कर उनके पैकेट बनाने का काम होता है जो बाद में गरीब मज़दूरों की बस्तियों में हर रोज़ बांट दिए जाते हैं।
यूथ कांग्रेस ने ऐसे अनेक इलाकों में रोटी बनाने की मशीनें भी लगा दी है जो इन गरीब मज़दूरों को पका खाना दे रहीं हैं। हैरानी की बात तो यह है कांग्रेस इसका कोई प्रचार नहीं कर रही और न ही राहुल ने कभी मीडिया के सामने इसका उल्लेख किया।