कांग्रेस में हो विकेंद्रित व्यवस्था, ताकि सारे निर्णय दिल्ली से ही न लिए जाएं : थरूर

By भाषा | Updated: October 16, 2022 21:40 IST2022-10-16T21:40:04+5:302022-10-16T21:40:04+5:30

शशि थरूर ने खड़गे गुट पर निशाना साधते हुए कहा, "मैं जानता हूं कि मेरे कुछ साथी नेतागीरी में पड़े हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं से कह रहे हैं कि उन्हें पता है कि सोनिया गांधी क्या चाहती हैं और किसे (अध्यक्ष बनाना) चाहती हैं।

Congress should have decentralized system so that all decisions are not taken from Delhi says Tharoor | कांग्रेस में हो विकेंद्रित व्यवस्था, ताकि सारे निर्णय दिल्ली से ही न लिए जाएं : थरूर

कांग्रेस में हो विकेंद्रित व्यवस्था, ताकि सारे निर्णय दिल्ली से ही न लिए जाएं : थरूर

Highlightsथरूर ने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष तक सभी की पहुंच होनी चाहिएथरूर ने खड़गे गुट पर निशाना साधते हुए कहा, "मैं जानता हूं कि मेरे कुछ साथी नेतागीरी में पड़े हैंउन्होंने अध्यक्ष पद चुनाव को लेकर कहा वे जीते या हारे, पर जीत कांग्रेस की होनी चाहिए

लखनऊ: कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रत्याशी शशि थरूर ने पार्टी में विकेंद्रीकरण पर जोर देते हुए रविवार को कहा कि यह इसलिए जरूरी है ताकि सारे निर्णय दिल्ली से ही न लिए जाएं। थरूर ने पार्टी के अपने कुछ साथियों पर पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव में नेतागीरी करने का आरोप लगाया और कहा कि अगर किसी के मन में कोई डर या संदेह हो तो उनके लिए पार्टी का यह स्पष्टीकरण काफी है कि अध्यक्ष पद के लिए गुप्त मतदान होगा।

पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधियों से वोट मांगने आए थरूर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि चाहे वह चुनाव जीतें या फिर उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी मल्लिकार्जुन खड़गे विजयी हों, लेकिन जीत कांग्रेस की होनी चाहिए। 

प्रांतीय कांग्रेस कमेटियों के प्रतिनिधियों की राय को भी महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा, "कांग्रेस में विकेंद्रीकरण की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि सारे निर्णय दिल्ली से ही न लिया जाएं।" थरूर ने यह भी कहा कि पार्टी के अध्यक्ष तक सभी की पहुंच होनी चाहिए और यह व्यवस्था हर स्तर पर लागू की जानी चाहिए। उन्होंने पार्टी के उदयपुर घोषणापत्र को लागू करने की जरूरत दोहराते हुए कहा कि 'एक व्यक्ति एक पद' की व्यवस्था अमल में लाई जानी चाहिए। 

थरूर ने खड़गे गुट पर निशाना साधते हुए कहा, "मैं जानता हूं कि मेरे कुछ साथी नेतागीरी में पड़े हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं से कह रहे हैं कि उन्हें पता है कि सोनिया गांधी क्या चाहती हैं और किसे (अध्यक्ष बनाना) चाहती हैं। इस तरह की नेतागीरी सिर्फ उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं है। यह अनेक राज्यों में फैली है। क्या आपको (पार्टी कार्यकर्ताओं) उन सोनिया गांधी की जुबान पर भरोसा नहीं है, जो पार्टी चला रही हैं। 

उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि आप चुनाव लड़ें और हम (गांधी परिवार) तटस्थ रहेंगे।" उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने पार्टी के मुख्य चुनाव अधिकारी मधुसूदन मिस्त्री को निर्देश दिए हैं कि वे पार्टी की तरफ से कहें कि गांधी परिवार (चुनाव में) तटस्थ है और उसका कोई आधिकारिक उम्मीदवार नहीं है, लिहाजा अगर किसी के मन में कोई डर या शंका है तो उसके लिए मिस्त्री का बयान काफी है जिसमें गुप्त मतदान की बात कही गई है। 

थरूर ने यह भी कहा कि वह पार्टी में किसी तरह की गुटबाजी नहीं चाहते। तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे हैं। इसके लिए मतदान 17 अक्टूबर को होगा और 19 अक्टूबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस चुनाव प्रक्रिया में 9,300 प्रतिनिधि वोट डालेंगे। उत्तर प्रदेश में इन प्रतिनिधियों की संख्या 1,250 है। 

कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के कारण के बारे में पूछने पर थरूर ने कहा, "पिछले 22 वर्षों से पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए कोई चुनाव नहीं हुआ है। इस बार पार्टी कार्यसमिति ने चुनाव कराने का निर्णय लिया। राहुल गांधी ने न तो चुनाव लड़ने और न ही पार्टी में कोई पद लेने की इच्छा व्यक्त की। एक मजबूत कांग्रेस देश की जरूरत है और मुझे लगा कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए। हम देश की जनता को दिखाएंगे कि कांग्रेस बदलाव के लिए तैयार है।" 

थरूर ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें पूरी 'हिम्मत' के साथ चुनाव लड़ने की सलाह देते हुए कहा कि उनका परिवार इस चुनाव से तटस्थ रहेगा। उन्होंने कहा कि सोनिया ने मतदाताओं से आग्रह किया है कि वे अपने दिल की आवाज़ पर वोट देकर नया कांग्रेस अध्यक्ष चुनें। थरूर ने कहा कि गांधी परिवार कांग्रेस के साथ पिछली एक सदी से जुड़ा है और "उनका खून हमारे डीएनए में है।" उधर, कांग्रेस अध्यक्ष पद के दूसरे प्रत्याशी मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को कर्नाटक में कहा कि अगर वह चुनाव जीतते हैं तो वह निश्चित रूप से गांधी परिवार की सलाह और सहयोग लेंगे। 

इस सवाल पर कि क्या वह थरूर के लिए कोई संदेश देना चाहेंगे, खरगे ने कहा, "मैं किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहता। वह (थरूर) अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। मैं उनके विचारों पर कोई बहस नहीं करना चाहता। यह हमारे संगठन या परिवार का मामला है। थरूर जो चाहे कह सकते हैं। ठीक उसी तरह मैं भी अपनी बात रख सकता हूं। यह एक आंतरिक मित्रवत लड़ाई है।"

Web Title: Congress should have decentralized system so that all decisions are not taken from Delhi says Tharoor

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