'कांग्रेस ने राफेल का मुद्दा झूठ का सहारा लेकर उठाया, UPA सरकार के समय तय की गई कीमत से 9% कम' 

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: November 20, 2018 16:39 IST2018-11-20T16:39:49+5:302018-11-20T16:39:49+5:30

स्वराज ने कहा कि कांग्रेस आज देश की ऐसी पार्टी है, जिसमें ढेर दुविधाएं हैं, जिनमें प्रमुख रूप से यह दुविधा है कि अन्य पार्टियों से गठबंधन कैसे किया जाये और यदि गठबंधन हो गया तो राहुल गांधी नेता के रूप मे कैसे स्वीकार होंगे।

Congress raises rafale's issue with lies says sushma swaraj | 'कांग्रेस ने राफेल का मुद्दा झूठ का सहारा लेकर उठाया, UPA सरकार के समय तय की गई कीमत से 9% कम' 

'कांग्रेस ने राफेल का मुद्दा झूठ का सहारा लेकर उठाया, UPA सरकार के समय तय की गई कीमत से 9% कम' 

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के सिलसिले में जबलपुर पहुंची केन्द्रीय विदेश मंत्री व भाजपा की प्रभावी नेता सुषमा स्वराज ने इस दौरान यहां आयोजित पत्रकार वार्ता में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आसन्न विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी की स्पष्टता और कांग्रेस की दुविधा के बीच का चुनाव है।

चर्चा के दौरान उन्होंने भरोसा जताया कि तीन बार से लगातार मप्र में भाजपा की सरकार बन रही है और चौथी बार भी जनता का आशीर्वाद प्राप्त करने में हम पूरी तरह सफल होंगे। 

स्वराज ने कहा कि राफेल का मुद्दा कांग्रेस द्वारा झूठ का सहारा लेकर उठाया गया है। कांग्रेस नॉन इश्यू विषय को मुद्दा बना रही है, लेकिन वह मुद्दा बन नहीं पाया, क्योंकि उसमें सच्चाई नहीं है। राफेल को जिस कीमत पर खरीदा गया है वह यूपीए सरकार के समय तय की गई कीमत से 9 प्रतिशत कम है। 

स्वराज ने कहा कि कांग्रेस आज देश की ऐसी पार्टी है, जिसमें ढेर दुविधाएं हैं, जिनमें प्रमुख रूप से यह दुविधा है कि अन्य पार्टियों से गठबंधन कैसे किया जाये और यदि गठबंधन हो गया तो राहुल गांधी नेता के रूप मे कैसे स्वीकार होंगे। यदि इन बातों को छोड़ भी दें तो सबसे बड़ी दुविधा उनके नेता की छवि को लेकर है। कांग्रेस के नेता इस दुविधा में हैं कि राहुल गांधी को किस रूप में प्रोजेक्ट किया जाये।

उन्होंने कहा कि वर्षों तक कांग्रेस ने राहुल गांधी को एक धर्मनिरपेक्ष नेता के रूप में प्रस्तुत किया फिर उन्हें लगा कि हिन्दू देश में बहुसंख्यक है तो उन्होंने उनकी छवि हिन्दू नेता के रूप में बनाने पर विचार किया और उन्होंने संसद के पटल पर भी बोलते हुए कहा कि मैं हिन्दू हूं। इसके बाद भी बात नहीं बनी तो उन्हें लगा कि आस्थावान हिंन्दू की छवि बनाना चाहिये तो उन्होंने कैलाश मानसरोवर की यात्रा की, शिवमंदिरों में पूजा की और शिवभक्त की छवि बनाई। इन सब के बाद भी उन्हें लगा कि दूसरा वोट बैंक न खिसक जाये तो आरएसएस की आलोचना करने लगे। इतनी सारी दुविधा इतने पुराने संगठन को अपने अध्यक्ष को लेकर है।

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा की बात की जाये तो हम पूर्ण रूप से स्पष्ट हैं। केन्द्र में हमारे नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज जी हैं, चुनावों में भी यही हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। जहां तक जाति और मजहब की बात है तो मोदी जी ने एक ही मंत्र से सब कुछ स्पष्ट कर दिया है और वह है, सबका साथ-सबका विकास। इस वाक्य के अंदर सब कुछ समाहित है, सबका साथ में सभी जातियां, धर्म, मजहब आ जाते हैं। 

उन्होंने कहा कि मोदी जी जब भी बात करते हैं तो 121 करोड़ भारतियों की बात करते हैं। हमारी पार्टी का नेतृत्व तय है, हमारी नीतियां तय हैं, हमारे कार्यक्रम सामने हैं। यह चुनाव दुविधा बनाम स्पष्टता का है। चर्चा के दौरान पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एन्टीइन्कमबेंसी जिसे हिन्दी में मोहभंग होना कहते हैं, ऐसी कोई भी बात मप्र में नहीं है, क्योंकि उसके पीछे कोई कारण होना चाहिये। 

केंद्रीय मत्री ने कहा कि जरूरी नहीं है कि 10 या 15 वर्षों तक सरकार रहे तो उससे मोहभंग होगा। मोहभंग तब होता है जब नेतृत्व में कमी हो, नीतियां जनविरोधी हों तो, योजनाएं कार्यरूप में परिणित न हों तो या सामने प्रभावशाली विकल्प हो तो मोहभंग होता है, लेकिन यदि इन सभी कसौटियों पर मप्र और केन्द्र की सरकार को देखा जाये तो आप पायेंगे कि नेतृत्व यशस्वी है, परिश्रमी है साथ ही नीतियां जनकल्याणकारी हैं और कार्यक्रम बेहद प्रभावी हैं और रही अंतिम बात कि विपक्ष के पास कोई भी ऐसा नेतृत्व नहीं है, जो प्रभावी हो, क्योंकि मप्र की जनता ने तो जांच परख कर उन्हें नकारा है और देश में जो विकल्प है वह कितना प्रभावी है ये सब जानते हैं।

English summary :
Expressing her views in the press conference organized by the Central External Affairs Minister and star BJP leader Sushma Swaraj, who reached Jabalpur in connection with the campaign for the Madhya Pradesh assembly elections 2018, said that the vidhan sabha chunav is a election between the clarity of the Bharatiya Janata Party and the dilemma of the Congress.


Web Title: Congress raises rafale's issue with lies says sushma swaraj

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