कश्मीर पर कांग्रेस का प्रस्ताव हालात का निष्पक्ष चित्रण नहीं करता: विदेश मंत्री जयशंकर

By भाषा | Updated: December 20, 2019 14:07 IST2019-12-20T14:07:15+5:302019-12-20T14:07:15+5:30

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में पहुंचने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला जयपाल (54) ने इस महीने की शुरुआत में कश्मीर पर प्रस्ताव पेश किया। वह इस विषय पर देशभर के भारतीय मूल के लोगों की सोच को नजरअंदाज करते हुए प्रस्ताव पेश करने की अपनी पूर्व घोषित योजना पर आगे बढ़ीं। यह प्रस्ताव अभी लंबित है।

Congress proposal on Kashmir does not portray fair situation: S Jaishankar | कश्मीर पर कांग्रेस का प्रस्ताव हालात का निष्पक्ष चित्रण नहीं करता: विदेश मंत्री जयशंकर

कश्मीर पर कांग्रेस का प्रस्ताव हालात का निष्पक्ष चित्रण नहीं करता: विदेश मंत्री जयशंकर

Highlightsजयशंकर से पूछा गया कि क्या आप उस प्रस्ताव को गंभीरता से लेते हैं जिसमें भारत में बने हालात की निंदा की गई है।भारतीय-अमेरिकी कांग्रेस सदस्य जयपाल और उन सांसदों से मुलाकात करने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि प्रतिनिधि सभा में अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल की ओर से कश्मीर पर लाया गया प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर में हालात का निष्पक्ष चित्रण नहीं करता है। उन्होंने कहा कि भारतीय-अमेरिकी कांग्रेस सदस्य जयपाल और उन सांसदों से मुलाकात करने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है जिन्होंने अपना मन पहले ही बना लिया है, जो वस्तुस्थिति से अवगत नहीं हैं तथा बात करने को भी तैयार नहीं हैं।

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में पहुंचने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला जयपाल (54) ने इस महीने की शुरुआत में कश्मीर पर प्रस्ताव पेश किया। वह इस विषय पर देशभर के भारतीय मूल के लोगों की सोच को नजरअंदाज करते हुए प्रस्ताव पेश करने की अपनी पूर्व घोषित योजना पर आगे बढ़ीं। यह प्रस्ताव अभी लंबित है।

इसमें उन्होंने भारत से कहा है कि जम्मू-कश्मीर में संचार पर लगी सभी पाबंदियां जल्द से जल्द हटाई जाएं जो पांच अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को रद्द करने के बाद जम्मू-कश्मीर में लगाई गई थी। इसके अलावा सभी नागरिकों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करने का अनुरोध भी किया गया है।

भारत ने कश्मीर में पाबंदियां लगाने का यह कहते हुए बचाव किया है कि ऐसा पाकिस्तान को आतंकियों और अन्य उपद्रवियों की मदद से यहां और गड़बड़ी फैलाने से रोकने के लिए किया गया है। टू प्लस टू वार्ता के बाद वॉशिंगटन डीसी के अपने दौरे के समापन पर जयशंकर ने भारतीय संवाददाताओं के समूह से बृहस्पतिवार को यहां कहा, ‘‘मुझे (कांग्रेस के) उस प्रस्ताव की जानकारी है। मुझे लगता है कि इसमें जम्मू-कश्मीर के हालात को ठीक से समझा नहीं गया, भारत सरकार जो कर रही है उसका निष्पक्ष चित्रण भी नहीं किया गया है। (जयपाल से) मुलाकात में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है।’’

जयशंकर से पूछा गया कि क्या आप उस प्रस्ताव को गंभीरता से लेते हैं जिसमें भारत में बने हालात की निंदा की गई है। इस पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसे लोगों से मिलना चाहता हूं जिन्हें वस्तुस्थिति का ज्ञान हो और जो बात करने के लिए तैयार हो, ऐसे लोगों से नहीं जो पहले से अपना मन बना चुके हैं।’’

वाशिंगटन पोस्ट में आई एक खबर में कहा गया कि जयशंकर ने इस हफ्ते कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्यों के साथ अपनी मुलाकात एकाएक ही रद्द कर दी क्योंकि अमेरिकी सांसदों ने जयपाल को बैठक में शामिल नहीं करने की उनकी मांग खारिज कर दी थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जयशंकर प्रतिनिधि सभा की विदेशी मामलों के अध्यक्ष एलियट एल एंजेल, समिति के शीर्ष रिपब्लिकन सदस्य माइकल मैककौल और अन्य अमेरिकी सांसदों से मिलने वाले थे जिनमें जयपाल भी शामिल थीं। वाशिंगटन पोस्ट ने जयपाल के हवाले से कहा, ‘‘यह इस विचार को और भी मजबूत करता है कि भारत सरकार असहमति की किसी आवाज को बिल्कुल नहीं सुनना चाहती।’’

जयपाल ने कहा कि कश्मीर पर अपने प्रस्ताव को वह इस हफ्ते ही आगे बढ़ाना चाहती थीं लेकिन उनसे जयशंकर से मुलाकात तक रुकने को कहा गया था। लेकिन अब जनवरी में वह इसके लिए नए सिरे से दबाव बनाएंगी।

रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘‘मेरे समर्थकों को मानवाधिकार हालात, बिना आरोप हजारों लोगों को हिरासत में लेने और संचार ठप होने से दैनिक दिनचर्या में आने वाली मुश्किलों की चिंता है।’’ कांग्रेस के एक सूत्र ने बताया कि यह बैठक इसलिए रद्द हुई क्योंकि विदेशी मामलों की समिति बैठक के बुनियादी नियमों को लगातार बदलती रही और सूची में नित नए सदस्यों को शामिल करती रही। उसने बताया कि बैठक से पहले उन्होंने जयपाल समेत कई अन्य सांसदों को इसमें शामिल किया जिन्हें भारत आलोचक माना जाता है और जो कश्मीर पर कांग्रेस के प्रस्ताव के प्रायोजक हैं। भारतीय दूतावास ने सवालों के जवाब नहीं दिए। जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार को डेमोक्रेट सदस्यों से कोई परेशानी नहीं है, बल्कि उनके साथ मजबूत संबंध हैं। 

Web Title: Congress proposal on Kashmir does not portray fair situation: S Jaishankar

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