कांग्रेस विधायक ने टिप्पणी पर माफी मांगी, भाजपा ने राहुल, प्रियंका की चुप्पी पर उठाए सवाल
By भाषा | Updated: December 17, 2021 17:08 IST2021-12-17T17:08:22+5:302021-12-17T17:08:22+5:30

कांग्रेस विधायक ने टिप्पणी पर माफी मांगी, भाजपा ने राहुल, प्रियंका की चुप्पी पर उठाए सवाल
बेंगलुरु/नयी दिल्ली, 17 दिसंबर कर्नाटक विधानसभा में ‘जब बलात्कार होना ही है तो इसका आनंद लें’, कह कर विवाद पैदा करने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक एवं विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने ‘बिना सोचे समझे’ की गई अपनी टिप्पणी के लिए शुक्रवार को माफी मांगी। हालांकि भाजपा, राष्ट्रीय महिला आयोग और कांग्रेस की कुछ महिला विधायकों ने बयान पर कड़ी आपत्ति जतायी।
नयी दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी की चुप्पी पर सवाल उठाए।
जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, कुमार खड़े हो गए और कहा कि उन्होंने (बृहस्पतिवार को विधानसभा में) एक बयान दिया, जिसे लोगों ने अपमानजनक पाया। कुमार ने कहा, ‘‘हालांकि, मेरा इरादा कभी भी इस सदन की गरिमा को कम करने या निम्न व्यवहार करने का नहीं था। मैं अपना बचाव नहीं करूंगा। अगर इससे देश के किसी भी हिस्से के लोगों को ठेस पहुंची है तो मैं सदन की कार्यवाही के दौरान अपने बयान के लिए ईमानदारी से माफी मांगता हूं, ।’’
कन्फ्यूशियस के एक प्रसिद्ध कथन का हवाला देते हुए कुमार ने कहा, ‘‘एक गलती को अस्वीकार करना कई गलतियों के बराबर है।’’ कुमार ने कहा, ‘‘लोगों ने पहले ही अपना फैसला सुना दिया है और मैं क्षमा चाहता हूं।’’
कुमार ने अपने बयान के लिए अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी से माफी भी मांगी। अध्यक्ष ने भी उनकी माफी स्वीकार कर ली और सदस्यों, विशेषकर महिला विधायकों से मामले को आगे नहीं खींचने और इसे बड़ा मुद्दा नहीं बनाने की अपील की। कुछ महिला विधायक इस मुद्दे को उठाना चाहती थीं लेकिन कागेरी ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया और प्रश्नकाल शुरू करने की अनुमति दी।
इससे पहले, रमेश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘मैं विधानसभा में ‘बलात्कार' को लेकर की गई अपनी असंवेदनशील और लापरवाहीपूर्ण टिप्पणी के लिए आज सभी से ईमानदारी से माफी मांगना चाहता हूं। मेरा इरादा इस जघन्य अपराध को मामूली या हल्का बनाना नहीं था, बल्कि बिना सोचे समझे की गई टिप्पणी थी। मैं अब से अपने शब्दों को सावधानी से चुनूंगा।’’
कर्नाटक विधानसभा में बृहस्पतिवार को बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान पर चर्चा के दौरान कई विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में लोगों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए बोलने का मौका चाहते थे। विधानसभा अध्यक्ष कागेरी ने खुद को मुश्किल में पाया क्योंकि वह जल्द से जल्द चर्चा को समाप्त करना चाहते थे जबकि विधायक समय बढ़ाने पर जोर दे रहे थे।
कागेरी ने हंसते हुए कहा, ‘‘मैं ऐसी स्थिति में हूं जहां मुझे आनंद लेना है और मुझे ‘हां, हां’ कहना है। इस समय मुझे ऐसा ही लगता है कि मुझे स्थिति को नियंत्रित करना छोड़ देना चाहिए और कार्यवाही को व्यवस्थित तरीके से चलने देना चाहिए और सभी से अपनी बात जारी रखने के लिए कहना चाहिए।’’ विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी एक ही शिकायत है कि सदन का कामकाज नहीं हो रहा है।
इस पर रमेश कुमार ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, ‘‘एक कहावत है - जब बलात्कार अपरिहार्य हो तो प्रतिरोध नहीं करो और आनंद लो। ठीक इसी स्थिति में आप हैं।’’ पूर्व मंत्री अपने इस बयान के लिए अपनी ही पार्टी के विधायकों सहित विभिन्न वर्गों के निशाने पर आ गए।
खानपुर से कांग्रेस की विधायक अंजलि निंबालकर ने इस पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सदन को इस तरह के घृणित और शर्मनाक व्यवहार के लिए पूरी नारी जाति, इस देश की हर मां, बहन और बेटी से माफी मांगनी चाहिए।’’ कांग्रेस की एक अन्य विधायक सौम्या रेड्डी ने भी अपने ट्वीट में इस बयान की निंदा करते हुए कहा, ‘‘यह ठीक नहीं है। इस पर माफी मांगने की जरूरत है।’’
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने अपने ट्वीट में कुमार के बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘यह बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे पास अब भी ऐसे जनप्रतिनिधि हैं जो महिलाओं के प्रति दुर्भावना रखते हैं और उनके प्रति इस तरह की मानसिकता रखते हैं। शर्मा ने लिखा, ‘‘यह वाकई घृणित है। अगर वे सदन में बैठकर इस तरह की बात करते हैं तो वे अपने जीवन में महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार करते होंगे?’’
नयी दिल्ली में भाजपा प्रवक्ताओं ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस आलाकमान पर निशाना साधा। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया।
हालांकि भाजपा को उस समय असहज स्थिति का सामना करना पड़ा जब पार्टी की प्रवक्ता अपराजिता सारंगी ने कांग्रेस विधायक की टिप्पणी पर आपत्ति न जताने के लिये कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष की ही आचोलना कर दी, जोकि सत्तारूढ़ दल भाजपा से हैं।
अपराजिता ने कहा, ''दुख की बात यह है कि स्पीकर ने इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी पर कुछ नहीं कहा बल्कि हंस दिये।''
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर और भाजपा के एक अन्य प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने हालांकि स्पीकर का बचाव किया। राठौर ने कहा कि कागेरी ने कोई बयान नहीं दिया और चीजों को निहित नहीं किया जाना चाहिए। चंद्रशेखर ने कुमार पर महिलाओं के खिलाफ अपराध को गंभीरता से न लेने का आरोप लगाया।
संवाददाता सम्मेलन के दौरान उनके साथ उपस्थित अपराजिता सारंगी ने बाद में स्पष्ट किया कि उनका मतलब कुमार से था क्योंकि वह एक पूर्व स्पीकर हैं।
सारंगी ने कहा कि गांधी भाई-बहन हाथरस (यूपी) तो चले गए थे, जहां एक दलित लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कांग्रेस विधायक के बयान को लेकर राहुल और प्रियंका की चुप्पी पर सवाल उठाए।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के एक नेता द्वारा बलात्कार के संदर्भ में की गई टिप्पणी का विषय शुक्रवार को लोकसभा में उठाया और कहा कि विपक्षी पार्टी को अपने इस नेता को न्याय की जद में लाना चाहिए।
स्मृति ईरानी ने यह विषय उस समय उठाया जब इससे एक दिन पहले ही कर्नाटक में कांग्रेस विधायक के आर रमेश कुमार ने विधानसभा में कहा कि ‘जब बलात्कार अपरिहार्य हो तो इसका आनंद लें।’ विवाद खड़ा होने के बाद उन्होंने माफी मांग ली।
कांग्रेस एवं कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य जब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग को लेकर शुक्रवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान हंगामा कर रहे थे तो एक पूरक प्रश्न का उत्तर देते समय ईरानी ने कांग्रेस पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि कुछ सदस्य यहां उन्हें बोलने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं और यदि वे गरीब महिलाओं एवं बच्चों की सेवा में विश्वास करते हैं तो ऐसा नहीं करना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘अगर आप महिलाओं के मकसद में विश्वास करते हैं तो उस विधायक की निंदा करिये जिसने कहा है कि अगर बलात्कार होता है तो उसका आंनद लेना चाहिए। जो लोग यहां आसन के निकट हैं, वो पहले अपने राजनीतिक संगठन के पास जाएं और उस व्यक्ति को न्याय की जद में लाएं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।