नई दिल्लीः कांग्रेस में हलचल तेज है। एक और जहां पंजाब राज्य इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू और कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल ने इस्तीफा दिया, वहीं दूसरी तरफ दो युवा नेता पार्टी में शामिल हुए।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती के अवसर पर युवा नेता ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में देश की सबसे पुरानी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने कहा कि वह अभी शामिल नहीं हुए हैं। वैचारिक से कांग्रेस के साथ हैं और प्रचार करेंगे।
भाकपा नेता कन्हैया कुमार और गुजरात विधायक जिग्नेश मेवाणी नई दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हुए। कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल कहते हैं, ''हम इन युवा नेताओं कुमार और मेवाणी के साथ काम करने को लेकर आशान्वित हैं, ताकि देश पर शासन कर रही फासीवादी ताकतों को हरा सकें।'' कन्हैया कुमार ने कहा कि कांग्रेस नहीं बची तो देश नहीं बचेगा।
इसके बाद कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने संवाददाता सम्मेलन में दोनों नेताओं का पार्टी में स्वागत किया । मूल रूप से बिहार से ताल्लुक रखने वाले कन्हैया जेएनयू में कथित तौर पर देशविरोधी नारेबाजी के मामले में गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में आए थे।
कन्हैया कुमार पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ भाकपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े थे, हालांकि वह हार गए थे। दूसरी तरफ, दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जिग्नेश गुजरात के वडगाम विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा है कि वह पार्टी की सेवा करना जारी रखेंगे। सिद्धू ने इसी साल जुलाई में पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष का पद संभाला था।
उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरू होती है, मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता हूं।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘इसलिए, मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। कांग्रेस की सेवा करना जारी रखूंगा।’’ यह तुरंत पता नहीं चल पाया है कि सिद्धू को किस कारण पंजाब कांग्रेस प्रमुख का पद छोड़ना पड़ा है।
गुजरात प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल इन दोनों युवा नेताओं और कांग्रेस के नेतृत्व के बीच बातचीत की मध्यस्थता कर रहे थे। बिहार से ताल्लुक रखने वाले कन्हैया जेएनयू में कथित तौर पर देशविरोधी नारेबाजी के मामले में गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में आए थे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के पार्टी में शामिल होने की संभावना के बीच मंगलवार को इशारों-इशारों में अपनी ही पार्टी पर तंज किया। उन्होंने कम्युनिस्ट विचारक रहे कुमारमंगलम की पुस्तक ‘कम्युनिस्ट्स इन कांग्रेस’ का हवाला दिया जिससे यह प्रतीत होता है कि वह पार्टी पर कटाक्ष कर रहे हैं।
लोकसभा सदस्य तिवारी ने ट्वीट किया, ‘‘कुछ कम्युनिस्ट नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें हैं। अब शायद 1973 की पुस्तक ‘कम्युनिस्ट्स इन कांग्रेस’ के पन्ने फिर से पलटे जाएं। लगता है कि चीजें जितनी ज्यादा बदलती हैं, वो उतना ही पहले की तरह बनी रहती हैं। आज इसे फिर से पढ़ता हूं।’’ कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कन्हैया कुमार और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी मंगलवार शाम कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। कन्हैया अब तक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े रहे हैं।