मोतीलाल वोरा का 93 साल की उम्र में निधन, कांग्रेस के लिए बड़ा झटका, गांधी परिवार के माने जाते थे करीबी
By विनीत कुमार | Updated: December 21, 2020 16:06 IST2020-12-21T15:28:21+5:302020-12-21T16:06:15+5:30
Moti Lal Vohra: मोतीलाल वोरा ने 1968 में राजनीति में कदम रखा था। वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं।

मोतीलाल वोरा का निधन (फाइल फोटो)
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के बेहद करीब माने जाने वाले मोती लाल वोरा का निधन हो गया है। वे 93 साल के थे। उनका निधन दिल्ली के फोर्टिस एस्कोर्ट अस्पताल में सोमवार को हुआ। मिली जानकारी के अनुसार उन्हें रविवार रात अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
कई दिनों तक पत्रकारिता के बाद मोतीलाल वोरा ने 1968 में राजनीति में कदम रखा था। कल ही उनका जन्मदिन भी था। मोतीलाल वोरा का निधन कांग्रेस के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। अभी हाल में ही अहमद पटेल का भी निधन हो गया था।
Congress leader Moti Lal Vohra (file photo) passes away at Fortis Escort Hospital in Delhi at the age of 93 pic.twitter.com/pCR8QHwXkh
— ANI (@ANI) December 21, 2020
राहुल गांधी ने मोतीलाल वोरा के निधन पर दुख जताते हुए ट्वीट किया, 'वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और अद्भुत इंसान थे। हम उन्हें बहुत मिस करेंगे। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदना है।'
प्रियंका गांधी ने कांग्रेस नेता के निधन पर ट्वीट किया कहा, 'मोतीलाल वोरा जी के निधन से कांग्रेस पार्टी के हर एक नेता, हर एक कार्यकर्ता को व्यक्तिगत तौर पर दुःख महसूस हो रहा है. वोरा जी कांग्रेस की विचारधारा के प्रति निष्ठा, समर्पण और धैर्य के प्रतीक थे।'
श्री मोतीलाल वोरा जी के निधन से कांग्रेस पार्टी के हर एक नेता, हर एक कार्यकर्ता को व्यक्तिगत तौर पर दुःख महसूस हो रहा है। वोरा जी कांग्रेस की विचारधारा के प्रति निष्ठा, समर्पण और धैर्य के प्रतीक थे।... @MotilalVorapic.twitter.com/Qvp0R3yRb8
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 21, 2020
मोतीलाल वोरा ने 1968 में राजनीति में कदम रखा था। वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं। मोतीलाल इसी साल अप्रैल तक छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद भी रहे थे।
मोतीलाल वोरा का राजनीतिक सफरनामा
1968 में राजनीति में कदम रखने के बाद मोतीलाल वोरा ने 1970 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा। वे बाद में मध्य प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के डिप्टी चेयरमैन के तौर पर नियुक्त हुए।
1977 और 1980 में भी वे विधानसभा चुनाव जीतने में सफल रहे। उन्होंने अर्जुन सिंह की कैबिनेट में 1980 में उच्च शिक्षा विभाग को संभाला। इसके बाद 1983 में वे कैबिनेट मंत्री बने और फिर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमिटी के चेयरमैन भी नियुक्त हुए।
13 फरवरी, 1985 को वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए गए। हालांकि तीन साल बाद 1988 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और सिविल एविएशन विभाग की जिम्मेदारी संभाली।
मोतीलाल 1988 में राज्यसभा के लिए चुन लिए गए। इसके बाद वे 26 मई, 1993 से 3 मई 1996 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी रहे।