एजेंसी सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने का विवाद और गहरा गया है. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने वर्मा को छुट्टी पर भेजने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इसमें उन्होंने केंद्र के फैसले को अवैध और सीबीआई अधिनियम का उल्लंघन करार दिया है. लोकसभा में कांग्रेस के नेता खड़गे ने अपनी याचिका में कहा कि अधिनियम के मुताबिक सीबीआई निदेशक की नियुक्ति या उसे हटाने के बारे में नेता प्रतिपक्ष, प्रधानमंत्री और प्रधान न्यायाधीश की तीन सदस्यीय समिति को ही अधिकार है.
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के पास सीबीआई निदेशक के खिलाफ कार्रवाई का कोई अधिकार नहीं है. खड़गे ने कहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने की कार्रवाई अवैध है.'' पार्टी सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस ने खड़गे से इस संबंध में याचिका दायर करने के लिए कहा था.
खड़गे सीबीआई निदेशक की नियुक्ति करने वाली समिति के सदस्य भी हैं. खड़गे ने सरकार के फैसले को मनमानी करार देते हुए कहा है कि कानून के अनुसार आलोक वर्मा को 2 साल का कार्यकाल देना चाहिए. इससे पहले कांग्रेस ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने और उनकी जगह अंतरिम निदेशक नियुक्त करने के फैसले को लेकर सरकार पर निशाना साधा था. कांग्रेस ने कहा था कि वर्मा को सरकार ने इसलिए उनके पद से हटाया, ताकि वह राफेल डील मामले की जांच की दिशा में आगे नहीं बढ़ें.