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हरियाणा विधानसभा में सवाल पूछने में कांग्रेस की किरण चौधरी रहीं अव्वल, भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और सुरजेवाला ने नहीं पूछा एक भी सवाल

By भाषा | Updated: October 6, 2019 16:28 IST

हरियाणा विधानसभा चुनावः जननायक जनता पार्टी की नेता नैना चौटाला ने सदन में कुल 180 सवाल पूछे। रिपोर्ट कार्ड में पिछली विधानसभा में एक भी सवाल नहीं पूछने वाले 16 विधायकों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों को भी शामिल किया गया है।

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ठळक मुद्देहरियाणा की 13वीं विधानसभा में पिछले पांच साल में सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों की ओर से पूछे गये कुल 1797 सवालों में सर्वाधिक हिस्सेदारी विपक्षी दल कांग्रेस की किरण चौधरी की रही।पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और पार्टी के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक भी सवाल नहीं पूछा।

हरियाणा की 13वीं विधानसभा में पिछले पांच साल में सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों की ओर से पूछे गये कुल 1797 सवालों में सर्वाधिक हिस्सेदारी विपक्षी दल कांग्रेस की किरण चौधरी की रही। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और पार्टी के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक भी सवाल नहीं पूछा।चुनाव सुधार प्रक्रिया से जुड़ी शोध संस्था ‘‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’’ (एडीआर) द्वारा रविवार को जारी किये गये हरियाणा विधानसभा के कामकाज के रिपोर्ट कार्ड के अनुसार राज्य के 90 विधायकों में तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने पांच साल में सर्वाधिक 225 सवाल पूछे। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत एडीआर द्वारा जुटायी गयी जानकारी के आधार पर संस्था द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार सवाल पूछने के मामले में दूसरे स्थान पर डबवाली से विधायक नैना सिंह चौटाला रहीं।जननायक जनता पार्टी की नेता नैना चौटाला ने सदन में कुल 180 सवाल पूछे। रिपोर्ट कार्ड में पिछली विधानसभा में एक भी सवाल नहीं पूछने वाले 16 विधायकों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों को भी शामिल किया गया है।इन 12 सदस्यों के अलावा अन्य चार सदस्य कांग्रेस के गढ़ी सांपला किलोई सीट से विधायक हुड्डा और कैथल से विधायक सुरजेवाला, बेरी से विधायक रघुवीर सिंह कादियाद और मेहम से विधायक आनंद सिंह दांगी शामिल हैं।

एडीआर को विधानसभा सचिवालय ने विधायकों की सदन में उपस्थिति की जानकारी देने से इंकार कर दिया। विधानसभा सचिवालय ने दलील दी है कि इस तरह की सूचनाओं को विधानसभा की कार्यवाही संबंधी नियमों और आरटीआई अधिनियम के प्रावधानों के तहत सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।रिपोर्ट कार्ड के अनुसार पांच साल में विधानसभा के पटल पर पेश किये गये 174 विधयेकों में से 170 विधेयक पारित किये गये। विधानसभा की बैठक साल में औसतन 15 दिन चली और पांच साल के दौरान सदन की कुल 73 बैठकें संपन्न हुयी। 

टॅग्स :असेंबली इलेक्शन २०१९हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019कांग्रेस
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