कांग्रेस नेता हरीश रावत का संगठन पर असहयोग का आरोप, सियासी हलकों में मचा हडकंप

By भाषा | Updated: December 22, 2021 20:03 IST2021-12-22T20:03:01+5:302021-12-22T20:03:01+5:30

Congress leader Harish Rawat's allegation of non-cooperation on the organization, there was a stir in the political circles | कांग्रेस नेता हरीश रावत का संगठन पर असहयोग का आरोप, सियासी हलकों में मचा हडकंप

कांग्रेस नेता हरीश रावत का संगठन पर असहयोग का आरोप, सियासी हलकों में मचा हडकंप

देहरादून, 22 दिसंबर अगले साल की शुरूआत में प्रस्तावित उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने बुधवार को यह कहते हुए सियासी हलकों में हडकंप मचा दिया कि पार्टी संगठन उनके साथ कथित तौर पर असहयोग कर रहा है और उनका मन सब कुछ छोडने को कर रहा है।

प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने ट्वीट किया, ‘‘ है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है ।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं और जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत, अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है ।’’

हांलांकि, रावत ने कहा, ‘‘फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है कि "न दैन्यं न पलायनम्" । बड़ी उहापोह की स्थिति में हूं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे ।’’

जब इस ट्वीट के बारे में रावत के मीडिया सलाहकार सुरेंद्र कुमार से संवाददाताओं ने पूछा तब उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर की कुछ ताकतें उत्तराखंड में पार्टी की संभावनाओं को प्रभावित करने के लिए भाजपा के हाथों में खेल रही हैं ।

उन्होंने कहा, ‘‘उत्तराखंड में हरीश रावत का कोई विकल्प नहीं है । वह प्रदेश में सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं जिन्होंने पार्टी के झंडे को उठाकर रखा है । लेकिन कुछ ताकतें राज्य में कांग्रेस की सत्ता में वापसी की संभावनाओं को समाप्त करने के लिए भाजपा के हाथों में खेल रही हैं ।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या रावत की परेशानी का संबंध उत्तराखंड में पार्टी मामलों के प्रभारी देवेंद्र यादव से संबंध है, कुमार ने कहा, ‘‘देवेंद्र यादव हमारे प्रभारी हैं । उनकी भूमिका पंचायती प्रमुख की है । लेकिन पंचायती प्रमुख अगर पार्टी कार्यकर्ताओं के हाथ बांधना शुरू कर देंगे और पार्टी की चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचाएंगे, तो हाई कमान को इसका संज्ञान लेना चाहिए ।’’

यादव और हरीश रावत के एक दूसरे से अच्छे संबंध नहीं बताए जाते हैं । जहां रावत समर्थकों का कहना है कि 2022 विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लडे़ जा रहे हैं वहीं यादव यह कहते रहे हैं कि आगामी चुनाव पार्टी सामूहिक नेतृत्व में लडेगी।

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Web Title: Congress leader Harish Rawat's allegation of non-cooperation on the organization, there was a stir in the political circles

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