करीमगंज, 18 मार्च प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) से गठबंधन करने के लिए बृहस्पतिवार को कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और कहा कि आज यह विपक्षी पार्टी इतनी कमजोर हो गई है कि वह किसी भी हाथ मिला सकती है क्योंकि उसके पास ‘‘ना नेता है, ना नीति है और ना ही कोई विचारधारा है।’’
प्रधानमंत्री ने यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस को ‘‘भ्रमित पार्टी’’ करार दिया और सवाल किया कि जिस दल की सोच स्थिर नहीं है वह असम में क्या स्थिर सरकार दे सकती है?
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के पास ना नेता है, ना नीति है और ना ही कोई विचारधारा है। आज कांग्रेस इतनी कमजोर हो गई है वह किसी के साथ भी हाथ मिला सकती है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह विचित्र स्थिति आज पूरा देश देख रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में जिन वामपंथियों के साथ वो (कांग्रेस) लाल सलाम कर रहे हैं, उन्हीं के साथ केरल में नूरा-कुश्ती चल रही है। कांग्रेस का ये कंफ्यूजन (भ्रम) हर तरफ हैं। जिस पार्टी की सोच ही स्थिर नहीं है, वह क्या असम में स्थिर सरकार दे सकती हैं?’’
असम में एआईयूडीएफ से कांग्रेस के गठबंधन पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि अब पूर्वोत्तर के इस राज्य को ही देख लीजिए कि कभी यहां की सत्ता पर राज करने वाली (पार्टी) आज यहां किसके भरोसे मैदान में है?
उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों की राजनीति से यहां के कांग्रेस के कार्यकर्ता दशकों से जूझ रहे हैं वहीं हाथ (कांग्रेस का चुनाव चिह्न) ताला चाबी लिए घूम रहे हैं।’’
ज्ञात हो कि ताला-चाबी एआईयूडीएफ का चुनाव चिह्न है। इसके अध्यक्ष सांसद बदरूद्दीन अजमल हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस है तो दूसरी तरफ ‘‘भाजपा की नीति है, भाजपा का नेतृत्व और भाजपा की नेक नीयत है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकारों और उनकी नीतियों ने असम को सामाजिक, सांस्कृतिक, भौगोलिक और राजनीतिक, हर तरह से नुकसान पहुंचाया।
असम की भाजपा सरकार और केंद्र सरकार द्वारा राज्य के विकास के लिए उठाए गए कदमों का विस्तार से उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सिर्फ भौगोलिक संपर्क ही नहीं, बल्कि संस्कृति के संपर्क को भी पिछले पांच सालों में मज़बूत किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने असम को हर प्रकार से विभाजित रखा जबकि भाजपा ने असम को हर प्रकार से जोड़े रखने का प्रयास किया।’’
उन्होंने दावा किया कि आज असम में विकास और विश्वास की लहर है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज असम में शांति का विश्वास है, समृद्धि का विश्वास है। आज असम में एक ही मुद्दा है- विकास, तेज़ विकास, निरंतर विकास, सबका विकास।’’
असम में 27 मार्च से छह अप्रैल के बीच तीन चरणों में मतदान संपन्न होना है। पहले चरण के तहत राज्य की 47 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण के तहत 39 विधानसभा सीटों पर एक अप्रैल को तथा तीसरे व अंतिम चरण के तहत 40 विधानसभा सीटों पर छह अप्रैल को मतदान संपन्न होगा।
इस बार के असम चुनाव में भाजपा को अपनी सत्ता बचाने की चुनौती है। वहां उसका सामना कांग्रेस और एआईयूडीएफ के गठबंधन से है। भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में 10 सालों के कांग्रेस शासन का अंत करते हुए पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में सत्ता हासिल की थी।
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