कांग्रेस ऐसे दलों से गठबंधन कर रही है जो देश को बांटना चाहते हैं: शाह
By भाषा | Updated: March 14, 2021 21:09 IST2021-03-14T21:09:20+5:302021-03-14T21:09:20+5:30

कांग्रेस ऐसे दलों से गठबंधन कर रही है जो देश को बांटना चाहते हैं: शाह
मार्घेरिटा/नाजिरा (असम), 14 मार्च केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी पर उन राजनीतिक दलों के साथ गठजोड़ करने के लिए तीखे हमले किए, जो ‘‘देश को बांटना चाहते हैं।’’ शाह ने कहा कि भाजपा वोट बैंक की राजनीति नहीं करती है।
शाह ने ऊपरी असम में विधानसभा क्षेत्रों नाजिरा और मार्घेरिटा में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने ‘‘15 साल तक राज्य में शासन करने और राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाला एक प्रधानमंत्री होने के बावजूद’’ पड़ोसी देशों से अवैध घुसपैठ के मुद्दे को हल करने के लिए कुछ नहीं किया।
शाह परोक्ष तौर पर मनमोहन सिंह की ओर इशारा कर रहे थे, जिन्होंने राज्यसभा में असम का प्रतिनिधित्व किया।
शाह ने मार्घेरिटा में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे जहां से वर्तमान में भाजपा के भास्कर शर्मा विधायक हैं। शाह ने कहा, ‘‘कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। उसने असम में बदरुद्दीन अजमल की एआईयूडीएफ, केरल में मुस्लिम लीग और पश्चिम बंगाल में इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ गठबंधन किया है। असम अजमल के हाथों में सुरक्षित नहीं रह सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘असम के लोग तय कर सकते हैं कि उनके कल्याण के बारे में कौन ज्यादा चिंतित है - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या बदरुद्दीन अजमल।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा ने पिछले पांच वर्षों के दौरान उन घुसपैठियों को सफलतापूर्वक बाहर किया, जिन्होंने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में जमीन पर कब्जा कर लिया था और धार्मिक निकायों के स्वामित्व वाले भूखंडों पर काबिज हो गए थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब, यदि आप कांग्रेस को वोट देते हैं, तो आपका वोट अजमल के एआईयूडीएफ को जाएगा, जो बदले में घुसपैठ को प्रोत्साहित करेगा। आपको तय करना होगा कि आप ऐसी सरकार चाहते हैं जो घुसपैठियों को शरण दे या ऐसी सरकार जो उन्हें बेदखल करेगी।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘पांच साल पहले, मैंने भाजपा अध्यक्ष के रूप में असम को ‘‘आंदोलन मुक्त’’ और ‘‘आतंकवाद मुक्त’’ (उग्रवाद-मुक्त) बनाने का वादा किया था। हमने अपनी प्रतिज्ञा पूरी की है और अब राज्य में कोई आंदोलन या कोई उग्रवाद नहीं है। दो हजार से अधिक उग्रवादी मुख्यधारा में लौटे हैं।’’
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि वह कांग्रेस थी जिसने विदेशियों के खिलाफ आंदोलन के दौरान युवाओं पर गोलियां चलवायी थीं और अब ‘‘उस आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संगठनों के सदस्यों ने भाजपा के आधार वोट में सेंध लगाने के प्रयास के तहत कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया है।’’
शाह ने दावा किया, ‘‘असम शांति और विकास का अनुभव कर रहा है। हमें और पांच साल दीजिये और हम घुसपैठ की समस्या का भी हल करने में सक्षम होंगे।’’
नाजिरा में, जहां से वर्तमान में कांग्रेस के विधायक दल के नेता देवब्रत सैकिया विधायक हैं, गृह मंत्री ने कहा कि प्रयासों के बावजूद विपक्ष को भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने का कोई कारण नहीं मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने यह सुनिश्चित किया है कि हिंसा, आंदोलन और भ्रष्टाचार के दिन खत्म हों और विकास के लिए क्षेत्र में परिवर्तन शुरू हो।’’
शाह ने कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधा जिन्होंने सत्ता में आने पर चाय बागानों के श्रमिकों की सहायता करने का वादा किया है। शाह ने कहा कि पार्टी को चुनाव के दौरान ही इन मजदूरों की याद आती है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चाय बागानों के श्रमिकों के जीवन और कामकाज की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई पहल की है।’’
शाह ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार ने असम में बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए एक रणनीति बनायी है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने न केवल असम बल्कि पूरे पूर्वोत्तर में एक उपग्रह सर्वेक्षण किया और पाया है कि कई जलाशयों के पानी के प्रवाह को वैज्ञानिक तरीके से मोड़ा जा सकता है। हम अगले पांच वर्षों में असम की बाढ़ की समस्या को हल करने की उम्मीद करते हैं।’’
शाह ने यह भी कहा कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद असम के वित्तीय परिव्यय को पहले के 80,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,55,300 करोड़ रुपये कर दिया गया।
लोगों के कल्याण के लिए सोनोवाल सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए गृह मंत्री ने कोविड-19 महामारी की स्थिति को अच्छी तरह से संभालने के लिए वर्तमान सरकार की प्रशंसा की।
शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ब्रह्मपुत्र नदी पर पहला पुल बनने के लगभग 30 साल बाद दूसरा पुल बनवा सकी लेकिन भाजपा ने सत्ता में आने के बाद 2016 से कम से कम छह पुल के लिए काम शुरू किये।
उन्होंने कहा, ‘‘वह भाजपा सरकार थी जिसने डॉ. भूपेन हजारिका को मरणोपरांत भारत रत्न दिया। कांग्रेस जो केंद्र और राज्य दोनों जगह सत्ता में थी, वह संगीतकार को बहुत पहले ही यह सम्मान दे सकती थी।’’
ऊपरी असम में मार्घेरिटा और नाजिरा दोनों के लिए मतदान 27 मार्च को होने वाला है।
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