सत्ता में कांग्रेस ‘जासूसी की जेम्स बॉन्ड’ थी, अब उठा रही है पेगासस का 'मनगढ़ंत’ मुद्दा : नकवी

By भाषा | Updated: August 1, 2021 12:46 IST2021-08-01T12:46:03+5:302021-08-01T12:46:03+5:30

Congress in power was 'James Bond of spying', now raising Pegasus's 'fabricated' issue: Naqvi | सत्ता में कांग्रेस ‘जासूसी की जेम्स बॉन्ड’ थी, अब उठा रही है पेगासस का 'मनगढ़ंत’ मुद्दा : नकवी

सत्ता में कांग्रेस ‘जासूसी की जेम्स बॉन्ड’ थी, अब उठा रही है पेगासस का 'मनगढ़ंत’ मुद्दा : नकवी

(अनवारुल हक)

नयी दिल्ली, एक अगस्त केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पेगासस जासूसी मामले को लेकर संसद में चल रहे गतिरोध के बीच कांग्रेस पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि सत्ता में रहने के दौरान ‘‘जासूसी की जेम्स बॉन्ड’’ रही पार्टी अब ‘‘फर्जी एवं मनगढ़ंत मुद्दे’’ पर संसद का समय बर्बाद करना चाहती है।

राज्यसभा के उपनेता ने कांग्रेस एवं कुछ अन्य विपक्षी दलों पर ‘रैंट एंड रन’’ (आरोप लगाओ और भाग जाओ) का रवैया अपनाने का भी आरोप लगाया और कहा कि सरकार इस मानसून सत्र में जनता से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।

उन्होंने यह भी कहा कि निर्धारित तिथि 13 अगस्त से पहले मानसून सत्र के खत्म होने की बातें महज अफवाह हैं।

नकवी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में यह उम्मीद भी जताई कि जल्द ही गतिरोध टूटेगा और दोनों सदनों की कार्यवाही सुचारू रूप से चलेगी क्योंकि सरकार विपक्षी दलों के साथ लगातार संपर्क में है।

पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है। 19 जुलाई से मॉनसून सत्र शुरू हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है।

विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर पहले चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कांग्रेस और उसके साथी दलों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ कांग्रेस और कुछ अन्य पार्टियां ‘रैंट एंड रन’ के फामूर्ले पर काम कर रही हैं। उनका काम आरोप लगाओ, शोर माचाओ और भाग जाओ है। ये लोग संसद में चर्चा नहीं चाहते।’’

नकवी ने कहा, ‘‘इन्होंने (कांग्रेस और उसके साथी दलों) सबसे पहले कोरोना पर चर्चा की मांग की, फिर इसपर सहमत नहीं हुए। फिर कहा कि किसान के मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं, उसपर भी सहमत नहीं हुए। बाढ़ और महंगाई पर भी चर्चा में इनकी कोई दिलचस्पी नहीं है।’’

पेगासस को ‘‘फर्जी और मनगढ़ंत मुद्दा’’ करार देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अगर इस तरह के मुद्दे पर विपक्ष स्पष्टीकरण चाहता था तो वह सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री (अश्विनी वैष्णव) के बयान के बाद मांग सकता था। लेकिन उन्होंने उग्र रवैया अपनाया और हंगामा किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ज्यादातर विपक्षी पार्टियां चर्चा चाहती हैं। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस विपक्षी दलों की ‘स्वयंभू चौधरी’ बनने की कोशिश कर रही है। अपने नकारात्मक रवैये को विपक्ष का रवैया बता रही है। जो विपक्षी दल सदन में चर्चा चाहते हैं, उनकी सोच को कांग्रेस हाईजैक करने की कोशिश कर रही है।’’

यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस राफेल की तरह पेगासस को भी बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश में है, नकवी ने दावा किया कि सत्ता में रहते हुए कांग्रेस खुद ‘‘जासूसी की जेम्स बॉन्ड’’ थी।

उन्होंने कहा, ‘‘राफेल पर क्या हुआ, आपको पता है। खोदा पहड़ा निकली चुहिया। उसमें ये लोग बुरी तरह बेनकाब हुए। ये लोग जासूसी के जेम्स बॉन्ड हैं। जब ये सत्ता में होते हैं तो जासूसी का जाल बिछाते हैं और जब विपक्ष में होते हैं तो जासूसी का भौखाल खड़ा करते हैं। इनके समय में इनके वित्त मंत्री ने अपनी जासूसी का आरोप अपनी ही सरकार पर लगाया था।’’

इस सवाल पर कि क्या सरकार पेगासस पर चर्चा के लिए तैयार होगी, उन्होंने कहा कि इस मुद्दे में कोई सत्यता और दम नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम जनता से जुड़े हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। पहले इन्होंने (कांग्रेस और उसके साथी दलों) किसानों के मुद्दे पर बात की और अब उसे भूल गए। महंगाई की बात करते हैं, लेकिन चर्चा नहीं करते। आप नोटिस दीजिए और राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष फैसला करेंगे कि किन नियमों के तहत चर्चा होगी।’’

हंगामे के बीच बिना चर्चा के विधेयक पारित कराने के विपक्ष के आरोप पर नकवी ने कहा, ‘‘ये अपना इतिहास देख लें। इन लोगों ने संप्रग सरकार के समय हंगामे के बीच कितने विधेयक पारित कराए। उस वक्त 2जी का मुद्दा था। इनके पास तो कोई मुद्दा नहीं है। बिना सियासी जमीन के सामंती जमींदारी का हवा-हवाई हंगामा है, इसके अलावा कुछ नहीं है।’’

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार के स्तर पर विपक्ष के साथ लगातार बातचीत की जा रही है और गतिरोध खत्म करने का प्रयास हो रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ विपक्ष के साथ कोई संवादहीनता नहीं है। दिन में चार-चार बार विपक्ष के नेताओं के साथ चर्चा होती है। लेकिन दुर्भाग्य है कि सबसे पुरानी पार्टी क्या रास्ता अपनाना चाहती है, उसका कुछ समझ नहीं आता।’’

नकवी ने हंगामे को संसदीय लोकतंत्र के लिए अनुचित बताते हुए यह भी कहा, ‘‘हमें भरोसा है कि गतिरोध खत्म होगा। विपक्षी दलों से आग्रह है कि वे चर्चा में भाग लें।’’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे और विपक्षी एकजुटता की कोशिशों पर चुटकी लेते हुए नकवी ने कहा कि विपक्ष के पास प्रधानमंत्री पद के लिए एक दर्जन से अधिक उम्मीदवार हैं और इनके बीच प्रतिस्पर्धा है।

उन्होंने कहा, ‘‘एक दर्जन से ज्यादा प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। हर व्यक्ति खुद को प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर पेश कर रहा है। इनके पास नेता नहीं हैं, कार्यक्रम और नीति नहीं है।

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