असम में कांग्रेस का अजमल की एआईयूडीएफ, बीपीएफ से नाता तोड़ने का फैसला
By भाषा | Updated: August 30, 2021 21:10 IST2021-08-30T21:10:19+5:302021-08-30T21:10:19+5:30

असम में कांग्रेस का अजमल की एआईयूडीएफ, बीपीएफ से नाता तोड़ने का फैसला
असम में विपक्षी 'महागठबंधन' का टूटना लगभग तय हो गया है क्योंकि प्रदेश कांग्रेस ने सोमवार को घोषणा की कि उसने बदरुद्दीन अजमल के नेतृत्व वाले एआईयूडीएफ और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के साथ संबंध तोड़ने का फैसला किया है।कांग्रेस प्रवक्ता बोबीता शर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा की अध्यक्षता में हुई कोर कमेटी की एक बैठक में इस पर गौर किया गया कि एआईयूडीएफ का ‘‘'भाजपा के साथ व्यवहार और रवैये ने कांग्रेस के सदस्यों को चकित कर दिया है।’’उन्होंने कहा, ‘‘एआईयूडीएफ नेतृत्व और वरिष्ठ सदस्यों द्वारा भाजपा और मुख्यमंत्री की निरंतर और रहस्यमय प्रशंसा ने कांग्रेस पार्टी के प्रति जनता की धारणा को प्रभावित किया है।’’शर्मा ने कहा कि एक लंबी चर्चा के बाद प्रदेश कांग्रेस की कोर कमेटी के सदस्यों ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि एआईयूडीएफ अब ‘महाजोत’ में भागीदार नहीं रह सकती और इसी के अनुरूप अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को सूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीपीएफ के साथ गठबंधन पर भी चर्चा हुई क्योंकि इसका नेतृत्व विभिन्न मंचों पर 'महागठबंधन' का हिस्सा बने रहने को लेकर अनिच्छा व्यक्त कर रहा है।शर्मा ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को इस मामले में फैसला लेने का पूरा अधिकार दिया गया और पार्टी से नाता तोड़ने के फैसले की जानकारी आलाकमान को देने का फैसला किया गया।उन्होंने कहा कि बैठक में प्रदेश अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्षों और आगामी उपचुनावों के लिए गठित विधानसभा समितियों के अध्यक्ष को चुनाव रणनीति और उम्मीदवारों के चयन पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण अधिकार देने के पहले के निर्णय का भी अनुमोदन किया गया।राज्य में इस साल के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के नेतृत्व में 10-पार्टी 'महागठबंधन' या 'महाजोत' का गठन किया गया था।कांग्रेस, एआईयूडीएफ और बीपीएफ के अलावा इसमें जिमोचायन (देवरी) पीपुल्स पार्टी (जेडीपीपी), आदिवासी नेशनल पार्टी (एएनपी), माकपा, भाकपा, भाकपा (माले), अंचलिक गण मोर्चा और राजद शामिल थे।गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में 50 सीटें जीती थीं, जिसमें कांग्रेस को 29, एआईयूडीएफ ने 16, बीपीएफ ने चार और माकपा ने एक सीट हासिल की थी।
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