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कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कृषि कानूनों को लेकर प्रदर्शन, चंडीगढ़ में पानी की बौछार का करना पड़ा सामना

By भाषा | Updated: January 15, 2021 21:23 IST

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चंडीगढ़, 15 जनवरी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नये कृषि-विपणन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में यहां शुक्रवार को प्रदर्शन किया। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं के एक समूह को तब पानी की बौछार का सामना करना पड़ा जब उसने पुलिस बेरिकेड पार करने का प्रयास किया।

कांग्रेस ने कृषि कानूनों को लेकर पार्टी द्वारा एक देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के आह्वान के तहत पंजाब एवं हरियाणा राजभवनों का घेराव करने की योजना बनायी थी।

हरियाणा कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने तब हिरासत में ले लिया जब उन्होंने राज्य राजभवन की ओर मार्च किया। साथ ही पार्टी की पंजाब इकाई के एक अन्य मार्च को भी पुलिस ने रोक दिया।

पुलिस ने कांग्रेस की चंडीगढ़ इकाई के कार्यकर्ताओं के खिलाफ पानी की बौछार का इस्तेमाल किया जब उन्होंने पंजाब भवन की ओर मार्च करने का प्रयास किया। इनमें से कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया।

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कुमारी सैलजा, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में हरियाणा प्रभारी विवेक बंसल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और किरण चौधरी हरियाणा कांग्रेस इकाई के उन नेताओं में शामिल थे जिन्हें चंडीगढ़ पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

इन नेताओं को अलग-अलग पुलिस थानों में ले जाया गया और उन्हें बाद में रिहा कर दिया गया।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ स्थित पंजाब और हरियाणा के राज्यपालों के आधिकारिक आवासों की ओर बढ़ने से रोकने के लिए बैरिकेड लगाये थे।

पंजाब के राज्यपाल वी पी सिंह बदनोर केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक भी हैं।

कांग्रेस ने ‘‘किसानों के अधिकारों’’ के समर्थन में आज ‘किसान अधिकार दिवस’ मनाया। कांग्रेस इसके साथ ही ईंधन की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ भी प्रदर्शन कर रही थी।

केंद्र के तीन कृषि-विपणन कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर दोनों राज्यों के हजारों किसान पिछले कई हफ्तों से दिल्ली की सीमा पर डेरा डाले हुए हैं।

कांग्रेस की पंजाब इकाई के विरोध का नेतृत्व प्रदेश पार्टी प्रमुख सुनील जाखड़ ने किया। पंजाब के मंत्रियों तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, मनप्रीत सिंह बादल, बलबीर सिंह सिद्धू, सुंदर श्याम अरोड़ा और भरत भूषण आशु इसमें शामिल थे।

सांसद प्रनीत कौर, मोहम्मद सादिक और अमर सिंह भी पार्टी की पंजाब इकाई के विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थे।

जब पंजाब कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राजभवन की ओर मार्च करने की अनुमति नहीं दी गई, तो वे सड़क पर बैठ गए और केंद्र में भाजपा नीत सरकार के खिलाफ नारे लगाए।

इससे पहले, जाखड़ ने नए कानूनों को रद्द करने की किसानों की मांग पर तैयार नहीं होने के लिए केंद्र को आड़े हाथ लिया।

उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रथाओं और जनमत के प्रति केंद्र सरकार का कोई सम्मान नहीं है।

जाखड़ ने कहा, ‘‘यह इस सरकार का अहंकार है, जो उसे देश भर के किसान समुदाय द्वारा खारिज किए गए कानूनों को रद्द करने से रोक रहा है।’’

पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ने भाजपा पर उन संस्थाओं को कमतर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया जिसके बारे में उन्होंने कहा कि वे उनकी पार्टी के लंबे संघर्ष के बाद अस्तित्व में आये।

जाखड़ ने नरेंद्र मोदी सरकार को उन किसानों की ‘‘शहादत’’ के लिए जिम्मेदार ठहराया, जिनकी नए कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन का हिस्सा होने के दौरान मृत्यु हो गई।

उन्होंने कहा कि सिर्फ किसान ही नहीं, बल्कि समाज का हर वर्ग उन कानूनों को लेकर ‘‘नाराज और आंदोलित’ है, जो देश की खाद्य सुरक्षा से ‘‘समझौता’’ कर सकते हैं।

हुड्डा ने कहा कि जब तक केंद्र उन्हें निरस्त नहीं करता तब तक संघर्ष जारी रहेगा।

चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने भी कहा कि वे तब तक हार नहीं मानेंगे जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं होती।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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