पर्यावरण व प्रदूषण नियमों के अनुपालन से समझौता नहीं किया जा सकता : न्यायालय

By भाषा | Updated: November 18, 2021 20:46 IST2021-11-18T20:46:53+5:302021-11-18T20:46:53+5:30

Compliance with environment and pollution rules cannot be compromised: Court | पर्यावरण व प्रदूषण नियमों के अनुपालन से समझौता नहीं किया जा सकता : न्यायालय

पर्यावरण व प्रदूषण नियमों के अनुपालन से समझौता नहीं किया जा सकता : न्यायालय

नयी दिल्ली, 18 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि पर्यावरण एवं प्रदूषण नियमों के अनुपालन से तथ्यात्मक गलतफहमी के लिए या गुप्त निश्चय के चलते समझौता नहीं किया जा सकता।

न्यायालय ने कहा कि जनहित प्रदूषणकारी इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता है और स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार पर सीधा प्रभाव डालने वाले आदेश अवश्य ही प्रयुक्त होने वाले तथ्यों के मुताबिक जांच परख और गंभीर चर्चा के नतीजे होने चाहिए।

शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) का आदेश निरस्त करते हुए यह टिप्पणी की। एनजीटी ने कहा था कि उसके समक्ष लंबित उत्तराखंड के नैनीताल जिले में दो ‘स्टोन क्रशर’ के बारे में एक अर्जी से जुड़े विषय में एक अन्य याचिका के निस्तारण के दौरान पारित आदेश के आलोक में न्याय निर्णयन करना जरूरी नहीं है।

न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति रिषीकेश रॉय की पीठ ने 14 पृष्ठों के अपने फैसले में कहा कि प्रदूषणकारी इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत के जनहित से जुड़े होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।

पीठ ने कहा कि एनजीटी को स्टोन क्रशर (पत्थर के छोटे टुकड़े करने वाली मशीन) से स्थानीय आबादी के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों की शिकायत का समाधान करने की जरूरत थी।

पीठ ने एनजीटी के अगस्त 2019 के आदेश के खिलाफ यह फैसला सुनाया।

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Web Title: Compliance with environment and pollution rules cannot be compromised: Court

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